
मनीष चतुर्वेदी
जयपुर। हरमाड़ा में दर्दनाक डंपर हादसे में 14 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। 13 लोग घायल है। जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। मौत के बाद शवों को एसएमएस व कांवटिया अस्पताल की मोर्चरी के भेजा गया। जहां परिजन अपनों के शव लेने के लिए पहुंचे। अपनों के शव घर ले जाने के लिए परिजनों को एंबुलेंस चालकों को मनचाहे रुपए देने पड़े। इस दौरान प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई।
हादसे में निवाई के दो सगे भाई सुरेश और महेश की भी जान चली गई। दोनों जयपुर में हलवाई का काम करते थे और दिवाली के बाद अपने गांव लौट रहे थे। उनके परिजन गंगाधर मीणा ने बताया कि प्रशासन या अस्पताल की ओर से शव घर ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। उन्होंने कहा कि हमें शवों को निवाई ले जाने के लिए निजी एम्बुलेंस चालकों को 2200 रुपए देने पड़े है। सरकार की ओर से कोई फ्री सुविधा नहीं दी गई। ऐसे में क्या करें।
मामले में कलक्टर जितेंद्र सोनी ने कहा कि सीएम भजनलाल शर्मा के दिशा निर्देश पर पीड़ित परिवारों की हरसंभव मदद सरकार कर रहीं है। दर्दनाक हादसे में शामिल शवों को ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से फ्री एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। इस मामले में एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ दीपक माहेश्वरी से बात की गई है। फिर भी किसी भी एंबुलेंस ने अगर रुपए लिए है तो यह राशि परिजनों को वापस रिफंड होगी। साथ ही जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसीपल डॉ दीपक माहेश्वरी ने कहा कि अस्पताल प्रशासन की ओर से एंबुलेंस वालों को रुपए दिए गए थे। लेकिन इसके बाद भी एंबुलेंस वालों ने शव ले जाने के लिए रुपए लिए है, ऐसी बात मेरे सामने आई है। मैंने इस बारे में अधीक्षक मृणाल जोशी से बात की है। इस पूरे मामले की जांच करा रहा हूं। एंबुलेंस वालों पर अस्पताल प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जिला प्रशासन की ओर से भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
एसएमएस व अन्य अस्पतालों में घायल मरीजों का इलाज चल रहा है। 13 मरीजों में से 3 की हालत गंभीर है। परिजनों का अस्पताल में रो रोकर हाल बेहाल है। अस्पताल में मरीजों का इलाज जारी है।
Updated on:
04 Nov 2025 11:11 am
Published on:
04 Nov 2025 10:23 am

