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Kutumsar Cave: कांगेर घाटी नेशनल पार्क में पहुंचे रिकॉर्ड पर्यटक, बेरोजगारों को मिल रहा रोजगार

Kutumsar Cave: कांगेरघाटी नेशनल पार्क में मौजूद विश्व प्रसिद्ध कुटुमसर गुफा को देखने प्रतिवर्ष लाखों सैलानी पहुंचते हैं।

कांगेर घाटी नेशनल पार्क (photo source- Patrika)
कांगेर घाटी नेशनल पार्क (photo source- Patrika)

Kutumsar Cave: कांगेर घाटी में स्थित कुटुमसर गुफा का द्वार चार महीने के वर्षाकाल के पूरे 125 दिनों बाद एक नवंबर को खुल गया है। बारिश के दौरान गुफा के भीतर आसपास के पहाडियों का पानी गुफा के रास्ते अन्दर प्रवेश करता है जिससे जान का जोखिम के चलते इसे बंद कर दिया जाता है।

एक जून को वर्षाकाल समाप्त होने के बाद इसे पर्यटकों के लिये दुबारा खोलने के बाद कांगेर घाटी आने वाले पर्यटकों में उत्साह का माहौल है। प्रबंधन से मिले आंकड़ों के मुताबिक कांगेर घाटी में बीते छह महीनों में 37782 पर्यटक पहुंचे वहीं पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक 4 लाख 56 हजार 832 पर्यटक पहुंचे हैं। जिनमें देशी विदेशी सैलानी शामिल हैं।

Kutumsar Cave: कांगेरघाटी में अनेक दर्शनीय स्थल

कांगेरघाटी नेशनल पार्क में मौजूद विश्व प्रसिद्ध कुटुमसर गुफा को देखने प्रतिवर्ष लाखों सैलानी पहुंचते हैं। यह गुफा लाखों वर्ष पुराना और अनेक विविधताओं को समेटे हुए लोगों को आश्चर्यचकित करती है लेकिन यहां दर्जनों की संख्या में पर्यटन स्थल मौजूद है जो लोगों के नजरों से दूर है। यहां पर पार्क प्रबंधन द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने कई प्रयास किया जा रहा है। जिससे यहां के खूबसूरत झरनों और वादियों को देखा जा सकेगा।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

तीरथगढ़ जलप्रपात और अन्य पर्यटन स्थलों में प्रबंधन द्वारा सैलानियों के लिये पुख्ता इंतजाम किये गये है। इस वर्ष पिछले छह महीनों में कांगेर घाटी पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है। यहां पर जनवरी से लेकर जून महीने तक कुल 37 हजार 782 पर्यटक पहुंचे जिनमें 5 विदेशी शामिल है। प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक बीते छह महीने में पार्क में पर्यटन सुविधा बढ़ाया गया है।

बेरोजगारी दूर होने की संभावना प्रबल

Kutumsar Cave: कांगेर घाटी के डायरेक्टर नवीन कुमार ने बताया कि बस्तर के स्थानीय युवाओं को यहां पहुंचने वाले सैलानियों से रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। देश विदेश में प्रचार प्रसार से बस्तर में आने वाले पर्यटकों से स्थानीय बेरोजगार अपनी समूहों और प्रशासन की देखरेख में बनाई गई समितियों से अपनी आय को बढ़ा रहे हैं और आने वाले दिनों में आय के स्रोत बढ़ेंगे और उनकी बेरोजगारी दूर होने की संभावना प्रबल है।