
Room heater in winter: Comfortable or a threat to health? Expert opinion
Winter health update : कड़ाके की ठंड के साथ शहर की हवा में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया है। बीच शहर से लेकर सुहागी समेत कई और इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई दो सौ से ऊपर है। ऐसे में कई लोगों को सांस फूलने की समस्या हो रही है। इसके कारणों में सर्दी, खांसी, बुखार, अस्थमा शामिल हैं। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं। न्यूनतम तापमान लगातार 9 से 10 डिग्री के आसपास बना हुआ है। ऐसे में पहले से सांस की बीमारी हृदय रोग से पीड़ित मरीजों की समस्या बढ़ जा रही है। मेडिसिन व हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.आरएस शर्मा का कहना है कि ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सांस लेने में परेशानी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से सपर्क करना चाहिए।
● घर से बाहर निकलते समय मॉस्क पहने, जिससे प्रदूषण के असर से बच सकें
● धूम्रपान से बचें, नियमित व्यायाम व योग करें
● सांस लेने में तकलीफ होती है तो विशेषज्ञ चिकित्सक से सपर्क करें
● सुबह ज्यादा जल्दी टहलने ना जाएं
●ठंड के कारण श्वसन मार्ग संकुचित हो जाने से सांस लेने में परेशानी
●हवा में नमी की कमी, ठंड के मौसम में हवा में नमी कम होती है, जिससे वायुमार्ग सूख जाते हैं और सांस लेने में परेशानी होती है
●ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह कम हो जाता है और ऑक्सीजन सेचुरेशन कम हो जाता है
●ठंड के कारण हृदय को अधिक काम करना पड़ता है, जिससे हृदय की समस्याएं हो सकती हैं
ठंड ने रतार पकड़ ली है। जबलपुर सभाग के जिलों में सर्द हवा ने लोगों को बेहाल कर दिया है। जबलपुर में तीन दिन से लगातार पारा 10 डिग्री के नीचे चल रहा है। शनिवार सुबह कोहरे की चादर से ढंकी रही। मौसम विभाग़ ने 16 नवंबर को जबलपुर सहित सभाग के जिलों के लिए शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है। 17 नवंबर से मौसम में हल्का सुधार सभव है।
शनिवार को रात का न्यूनतम तापमान 9.7 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से पांच डिग्री कम था। दिन में अधिकतम तापमान 26.4 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री कम था। हवा में नमी 63 फीसदी दर्ज हुई। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी पर्वतीय राज्यों में जारी बर्फबारी से प्रदेश में बर्फीली हवा घुस रही है। हिमालयी इलाकों में तापमान में बड़ी गिरावट के बाद वहां से आने वाली हवा मैदानी क्षेत्रों में भी पारा गिरा रही है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्थान में बने प्रति-चक्रवात ने ठंडी हवा को निचले स्तर पर बहने में मदद की है, जिसके चलते राजस्थान के रेगिस्तानी भागों से होते हुए ये हवा मध्यप्रदेश के शहरों तक पहुंच रही है। 17 नवबर से कड़ाके की ठंड से कुछ राहत मिल सकती है।
Published on:
16 Nov 2025 12:26 pm
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