
Dhuandhar : भेड़ाघाट की संगमरमरी वादियां हों या विश्व प्रसिद्ध धुआंधार जल प्रपात यहां की सुरम्य वादियां ही मुख्य आकर्षण हैं। ऐसे में अतिक्रमणकारियों का पग-पग पर कब्जा और पर्यटकों के साथ रोजाना बन रही वाद विवाद की स्थिति से यहां का माहौल बिगड़ रहा है। पहले तो अवैध कब्जों के चलते इसकी खूबसूरती पर दाग लग रहा है दूसरा यहां आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों का अनुभव भी खराब हो रहा है। अराजकता चरम पर होने के बावजूद न तो अधिकारी और न ही जिम्मेदार जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान दे रहे हैं। जिसका खामियाजा आम पर्यटकों को बेइज्जत होकर चुकाना पड़ रहा है।

धुआंधार देखने आने वाले पर्यटकों को चलने के लिए जगह नहीं मिल रही है। यहां के रास्ते पर दोनों ओर अवैध रूप से करीब एक सैंकड़ा दुकानें सज गई हैं। जिसके चलते बमुश्किल 6 से 8 फीट ही सडक़ लोगों को चलने के लिए मिल पा रही है। वहीं किसी पर्यटक ने सामान की पूछताछ कर ली और वह नहीं लेता है तो दुकानदार विवाद करने लगते हैं। रोजाना ही पर्यटकों और अवैध दुकानदारों के बीच ऐसी स्थिति बन रही है। कई बार पर्यटकों के दुकान के सामने खड़े होने पर उन्हें वहां से भगा दिया जाता है।

स्थानीय लोगों ने बताया रंगमंच से कैंटीन तक पहले सडक़ पर एक तरफ ही कब्जा हुआ करता था, लेकिन पिछले एक साल में ये दुकानें दोनों तरफ सज गई हैं। साथ ही इनकी संख्या भी एक सैंकड़ा के आसपास पहुंच गई है।
धुआंधार पहुंच मार्ग पर अतिक्रमणों को हटाने के लिए मप्र हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे। जिसमें स्पष्ट कहा गया था कि इस मार्ग पर किसी तरह के अतिक्रमण नहीं होने चाहिए। जिसके बाद भेड़ाघाट नगर परिषद द्वारा यहां से सभी दुकानें हटा दी गई थीं। लेकिन कुछ ही दिनों बाद पुन: अतिक्रमण होने लगे और आज पहले से ज्यादा दुकानें लगा ली गई हैं।

वीआईपी एंट्री से धुआंधार पहुंचने के लिए वाहनों को प्रवेश दिया जाता है। जिनकी पार्किंग रंगमंच मैदान पर होनी चाहिए। इसके बावजूद कार, बाइक, स्कूटर सभी वाहन धुआंधार कैंटीन तक बेधडक़ जा रहे हैं।

दुकानों का अतिक्रमण पहले ही पर्यटकों के लिए मुसीबत बना हुआ था, रही सही कसर यहां बच्चों की टॉय कार और सेल्फी रील्स बनाने वालों ने पूरी कर दी है। सेल्फी रील्स बनाने वाली मशीनें लगाकर तेज साउंड बजाया जा रहा है। जिससे पर्यटकों को धुआंधार में बहते पानी की प्राकृतिक आवाज अब सुनाई नहीं देती है। वहीं करीब एक दर्जन टॉय कारें यहां पूरे समय धमाचौकड़ी मचाए रहती हैं।
Dhuandhar : सीएमओ को कई बार कहा लेकिन वे इन्हें हटाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे थे तो अतिक्रमणों को हटाने के लिए जबलपुर कलेक्टर को पत्र लिखा है। शरद पूर्णिमा के बाद से इनकी संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। जल्द ही सभी अतिक्रमण हटवाए जाएंगे।
Updated on:
19 Nov 2025 11:46 am
Published on:
19 Nov 2025 11:44 am

