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‘आप गलत सड़क पर हैं, यहां नो एंट्री…’ अब आपको Google से मिलेगा अलर्ट

MP News: एडिशनल डीसीपी संतोष कुमार कौल ने बताया कि शहर में करीब 34 स्थानों पर नो एंट्री पॉइंट चिह्नित किए गए हैं।

(सोर्स: सोशल मीडिया)
(सोर्स: सोशल मीडिया)

MP News: एमपी के इंदौर शहर में नो एंट्री नियमों का सख्ती से पालन करवाने के लिए पुलिस गूगल मैप की मदद लेने जा रही है। अब गूगल मैप की मदद से चालकों को पहले ही अलर्ट मिल सकेगा कि किस रास्ते पर प्रवेश निषेध है। इसके लिए पुलिस और गूगल के बीच बातचीत चल रही है।

एडिशनल डीसीपी संतोष कुमार कौल ने बताया कि शहर में करीब 34 स्थानों पर नो एंट्री पॉइंट चिह्नित किए गए हैं। इनमें आइटी पार्क से भंवरकुआं, चाणक्यपुरी से चंदन नगर, अन्नपूर्णा रोड, देवास नाका से विजय नगर, रेडिसन से खजराना, निपानिया, चंद्रगुप्त मौर्य चौराहा से कनकेश्वरी मार्ग और तेजाजी नगर से सुपर कॉरिडोर तक के क्षेत्र शामिल हैं। इन सभी पॉइंट्स पर बोर्ड और कैमरे लगाए गए हैं, ताकि वाहनों की पहचान कर तुरंत कार्रवाई की जा सके। पुलिस टीम मौके पर तैनात रहती है और निर्धारित समय से पहले प्रवेश करने वाले भारी वाहनों पर कार्रवाई कर रही है।

मिल सकेगा रियल टाइम ट्रैफिक अलर्ट

कौल ने बताया कि शहर आने वाले अधिकतर वाहन चालक, खासकर बाहरी क्षेत्रों से आने वाले गूगल मैप से चलते हैं। गूगल पर यह जानकारी नहीं होती कि किस क्षेत्र में नो एंट्री, वन-वे, ट्रैफिक जाम या अस्थायी प्रतिबंध हैं। गूगल मैप पर अलर्ट दिखाई देगा— जैसे- आगे नो एंट्री क्षेत्र है, यह मार्ग केवल छोटे वाहनों के लिए खुला है या इस मार्ग पर स्पीड लिमिट लागू है। इस संबंध में दूसरी बैठक 6 नवंबर को होना है। योजना सफल होने पर बाहरी चालकों को गूगल पर जानकारी मिल जाएगी।

20 शहरों में परीक्षण बतौर शुरू करेंगे

पुलिस से प्राप्त रीयल टाइम जानकारी गूगल पर अपडेट होगी, जिससे संबंधित रास्ते स्वत: हाइलाइट या ब्लॉक हो जाएंगे। यह प्रणाली फिलहाल 20 शहरों में परीक्षण के तौर पर शुरू की जा रही है। ट्रैफिक अधिकारियों के साथ बैठक में फैसले के बाद इस पर काम किया जाएगा।

सॉफ्टवेयर कंपनी भी दे रही तकनीकी सहयोग

सॉफ्टवेयर कंपनी के तुषार गोयल ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस अफसरों के साथ बैठकें हो चुकी हैं। प्रारंभिक स्तर पर बात चल रही है। कुछ बदलाव करना होंगे। जैसे- गूगल मैप में वाहन के प्रकार में ट्रक को चयन करने का विकल्प करना होगा। यदि कोई चालक ‘ट्रक’ विकल्प चुनता है और नो एंट्री में बढ़ता है, तो उसे अलर्ट मिल जाएगा। इसी तरह, बाइक या कार चालकों को भी उनके वाहनों के अनुसार सही मार्ग की जानकारी मिलेगी।