mp news: मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। लगभग हर दूसरे दिन कहीं न कहीं लोकायुक्त रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ रही है लेकिन इसके बावजूद रिश्वतखोर बाज आते नजर नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला मध्यप्रदेश के इंदौर का है जहां लोकायुक्त की टीम ने नगर निगम के सफाई दरोगा व एक थर्ड आई कंपनी के सुपरवाइजर को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा है। रिश्वतखोरों के खिलाफ ये एक्शन शिकायत दर्ज कराए जाने के महज 24 घंटे के अंदर लिया गया है।
इंदौर के रहने वाले मनोज चौहान ने लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में 24 सितंबर को शिकायत दर्ज कराई थी कि नगर निमग में पदस्थ सफाई दरोगा गोपाल पटौना और थर्ड आई कंपनी का सुपरवाइजर भरत मुराड़ियां उससे 10 हजार रूपये की रिश्वत की मांग कर रहे हैं। इसमें से 2 हजार रूपये की राशि 24 सितंबर को ही उससे ले चुके हैं और उसका मोबाइल भी ये कहकर अपने पास रख लिया है कि जब बाकी के पैसे दोगे तो मोबाइल वापस ले लेना। आवेदक मनोज चौहान के मुताबिक उसका ट्रेक्टर C-21 मॉल का मलबा उसी की साइट पर ले जाकर डालने के काम में 500 रूपये प्रति फेरा के हिसाब से किराए पर लगा है। 24 सितंबर को निगम दरोगा व सुपरवाइजर ने उसका ट्रेक्टर ये कहकर पकड़ लिया कि मलबे के साथ कचरा भी डाला जा रहा है और धमकी दी कि अगर 10 हजार रूपये नहीं दिए तो ट्रेक्टर को जब्त कर लेगें।
लोकायुक्त टीम ने शिकायत का सत्यापन कर 24 घंटे के अंदर ही जाल बिछाया और रिश्वतखोर निगम के दरोगा व कंपनी के सुपरवाइजर को रिश्वत लेते पकड़ लिया। लोकायुक्त टीम ने आवेदक मनोज चौहान को रिश्वत के 3 हजार रूपये देने के लिए नगर निगम के सफाई दरोगा गोपाल पटौना के पास भेजा। रिश्वत के पैसे लेकर गोपाल ने थर्ड आई कंपनी के सुपरवाइजर भरत मुराड़ियां को दे दिए। तभी पास में मौजूद लोकायुक्त की टीम ने दोनों को रंगेहाथों पकड़ लिया। आरोपी गण के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 7,61(2) के अंतर्गत कार्यवाही की गई है।
Published on:
25 Sept 2025 06:07 pm