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पीर शांतिनाथ महाराज की तेरहवीं पुण्यतिथि पर 17 सितम्बर को हुब्बल्ली में जागरण

श्री नाथजी भक्त मंडल हुब्बल्ली के तत्वावधान में भैरूनाथ अखाड़ा जलन्धरनाथ पीठ सिरे मंदिर जालोर के पीर शांतिनाथ महाराज की तेरहवीं पुण्य तिथि के अवसर पर 17 सितम्बर को सायं 4 बजे से हुब्बल्ली के पीबी रोड गब्बूर दादावाड़ी स्थित सिंवाची भवन में जागरण का आयोजन किया जाएगा।

पीर शांतिनाथ महाराज
पीर शांतिनाथ महाराज

राजस्थान के कलाकार देंगे भजनों की प्रस्तुति
श्री नाथजी भक्त मंडल हुब्बल्ली के अध्यक्ष हड़मतसिंह भायल खांडप ने बताया कि जागरण में राजस्थान के भजन कलाकार मोहनराम देवासी, जैताराम देवासी एंड पार्टी भजनों की प्रस्तुति देंगे। मंडल की ओर से पिछले 13 वर्ष से प्रतिवर्ष जागरण का आयोजन किया जा रहा है। जागरण में हुब्बल्ली के साथ ही आसपास के इलाकों से भक्तगण शामिल होंगे। महज 10 वर्ष की की अल्प आयु में योगी शांतिनाथ महाराज ने योगीराज केशरनाथ महाराज के चरणों का आश्रय पा लिया। बाद में सिरेमन्दिर पर वेश देकर आपको दीक्षीत किया और शान्तिनाथ नाम दिया। त्याग और तपस्या से गौरवान्वित इस तपोभूमि के पीठाधिश्वर बनने के पश्चात आपने अपनी सम्पर्ण क्षमता और अनुभव से अपने समस्त उत्तरदायित्व का निर्वाह करते हुए सिरेमन्दिर को सर्वप्रिय सामाजिक श्रद्धा का केन्द्र बनाया।

कई जगह करवाया मंदिरों का निर्माण
भायल ने बताया कि पीर शांतिनाथ महाराज ने सिरेमन्दिर पर 7 दिवसीय महारूद्र यज्ञ करवाया। इसके साथ ही आपने केशरनाथ महाराज की तपोस्थली चितहरणी भागली को नया रूप दिया। वहां पर आपने केशरनाथ महाराज का मन्दिर, केशरनाथ महाराज की तपोस्थली भंवर गुफा का निर्माण, महादेव का मन्दिर और झालरे का निर्माण करवाया। इसके साथ ही कई गावों में जलंधरनाथ महाराज के मन्दिरों का निर्माण करवाया।

तीस चातुर्मास किए
पीर शांतिनाथ महाराज ने अपने जीवन काल में 30 चार्तुमास किए। सिरे मंदिर में कई बार चातुर्मास किए। इसके साथ ही बैरठ, चूरा, रेवतड़ा, विशनगढ़, बालवाड़ा, देबावास, चितहरणी, डगातरा, भागली, खांडप, जालोर भैरुनाथ अखाड़ा, जालोर दुर्ग, मोदरा, बोकड़ा आदि जगहों पर चातुर्मास किए।