
Blood Donation Record: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के अवसर पर पूरे देश में भव्य उत्सव और कार्यक्रम आयोजित किए गए। ऐसे में एक खास पहल की गई, जिसका उद्देश्य एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना था। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद ने इस अवसर पर 7000 ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया। इन कैंपों के माध्यम से एक ही दिन में 3 लाख यूनिट रक्त एकत्रित करने की बड़ी कोशिश की गई। इस मुहिम में केंद्रीय रेल मंत्री और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और खुद रक्तदान कर लोगों को प्रेरित किया।
देश में हर रोज करीब 15,000 यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है, जबकि सालभर में लगभग 1.2 करोड़ यूनिट रक्त की मांग होती है। लेकिन वर्तमान में उपलब्ध रक्त की मात्रा केवल 90 से 95 लाख यूनिट तक सीमित है। भारत में लगभग 1.5 लाख थैलेसीमिया से पीड़ित मरीज ऐसे हैं, जो अपनी जिंदगी को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से रक्त चढ़ाते हैं। इसके अलावा कैंसर, डायलिसिस, हृदय रोग और बड़ी सर्जरी कराने वाले मरीजों को भी पर्याप्त रक्त की आवश्यकता होती है। इसके बिना इन मरीजों का इलाज संभव नहीं हो पाता।
हर साल भारत में लगभग 5 लाख से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। इनमें से लाखों मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें तत्काल रक्त की जरूरत होती है ताकि उनकी जान बचाई जा सके। इसके अलावा रक्त का भंडारण केवल सीमित समय के लिए ही सुरक्षित रहता है, इसलिए निरंतर रक्तदान की आवश्यकता बनी रहती है।
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि भारत की कुल आबादी का केवल 1% हिस्सा ही नियमित रूप से रक्तदान करता है। यदि सिर्फ 2% लोग साल में एक बार रक्तदान करने का संकल्प लें, तो देशभर में रक्त की कमी की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो सकती है। रक्तदान न केवल दूसरों की जान बचाने का काम करता है, बल्कि यह स्वयं रक्तदाता के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है। यह उपाय समाज की भलाई का उदाहरण बनता है और हमें एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करता है। तो आइए जानते हैं
हर यूनिट रक्त से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है। थैलेसीमिया, कैंसर, सर्जरी या दुर्घटना के कारण रक्त की आवश्यकता होती है। आपका एक छोटा सा योगदान किसी के लिए बड़ी मदद बन सकता है।
18 से 65 वर्ष के स्वस्थ व्यक्ति जो वजन कम से कम 45 किलोग्राम हो, रक्तदान कर सकते हैं। इसके अलावा रक्तदान से पहले हल्का भोजन और अच्छी हाइड्रेशन जरूरी है।
नियमित रक्तदान से हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है, खून में आयरन की संतुलित मात्रा बनी रहती है और मन को भी सुकून मिलता है।
रक्तदान पूरी तरह सुरक्षित प्रक्रिया है। हर बार नए सुई और स्टरलाइज्ड उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा बिलकुल नहीं रहता।
विशेषकर आपातकालीन स्थिति, त्योहारों या वैश्विक महामारी के समय रक्तदान का महत्व और भी बढ़ जाता है। समाज में योगदान देकर हम इंसानियत की सेवा कर सकते हैं।
Updated on:
17 Sept 2025 06:31 pm
Published on:
17 Sept 2025 06:11 pm

