
Bulimia Symptoms: बुलिमिया नर्वोसा, जिसे आमतौर पर बुलिमिया कहा जाता है, एक गंभीर ईटिंग डिसऑर्डर है। इसमें व्यक्ति बार-बार बहुत ज्यादा खाना खा लेता है (बिंज ईटिंग) और फिर तुरंत वजन बढ़ने के डर से उसे शरीर से निकालने की कोशिश करता है। जैसे खुद उल्टी करना, ज्यादा एक्सरसाइज करना या लैक्सेटिव जैसी दवाइयों का गलत इस्तेमाल करना। यह बीमारी सिर्फ खाने से जुड़ी आदत नहीं है, बल्कि एक मानसिक और भावनात्मक समस्या भी है।
बुलिमिया दो तरह की होती है:
इसमें व्यक्ति खाने के बाद खुद उल्टी करता है या फिर लैक्सेटिव, डाययूरेटिक्स आदि का इस्तेमाल करता है। यह तरीका धीरे-धीरे आदत बन जाता है और इससे शरीर में पानी की कमी, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, दांतों का खराब होना और पाचन से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं।
इसमें उल्टी नहीं की जाती, लेकिन बहुत ज्यादा एक्सरसाइज, बार-बार फास्टिंग करना, या कई-कई बार खाना छोड़ देना शामिल होता है। इससे शरीर थक जाता है, हार्मोन गड़बड़ा जाते हैं और खाने के साथ रिश्ता खराब हो जाता है। दोनों ही तरह की बुलिमिया शरीर और दिमाग को नुकसान पहुंचाती है।
हर व्यक्ति में लक्षण अलग हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर ये संकेत दिखाई देते हैं। एक बार में बहुत ज्यादा खाना, खाने के तुरंत बाद उल्टी करना। वजन और शरीर के आकार को लेकर ज्यादा चिंता करना। खाने पर कंट्रोल न होना और खाने के बाद गिल्टी फील होना। लो सेल्फ-एस्टीम या फिर मूड स्विंग, डिप्रेशन, एंग्जायटी महिलाओं में पीरियड्स अनियमित होना। कब्ज, कमजोरी, चक्कर आना या गाल सूज जाना, आंखें लाल होना, दांत खराब होना इसके लक्षण है।
इसका एक ही कारण नहीं होता, बल्कि कई वजहें मिलकर इसे पैदा करती हैं। परिवार में पहले से ईटिंग डिसऑर्डर का इतिहास होना या फिर डिप्रेशन, एंग्जायटी जैसी मानसिक समस्याएं। सोशल मीडिया या समाज का प्रेशर होता है स्लिम दिखना चाहिए। स्ट्रेस, ट्रॉमा, या इमोशनल समस्याएं हो सकती हैं।
StatPearls में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, बुलिमिया से शरीर के कई हिस्सों पर बुरा असर पड़ता है। गाल और सलाइवरी ग्लैंड्स सूजना, बार-बार उल्टी से इसोफेगस में चोट, एसिडिटी, GERD, गले में जलन, आईबीएस और पाचन की समस्याएं, दिल की धड़कन अनियमित होना (इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण), दांतों का गलना, कब्ज, आंतों पर दबाव या फिर पैंक्रियाटाइटिस हो सकता है। इसमें टाइप-2 डायबिटीज का जोखिम भी बढ़ जाता है। इसलिए समय पर इलाज बहुत जरूरी है।
बुलिमिया का पता लगाने के लिए डॉक्टर आमतौर पर फिजिकल एग्जाम और ब्लड टेस्ट, खाने की आदतों और मानसिक स्वास्थ्य की जांच, दिल, किडनी, पाचन तंत्र और दांतों की हालत की भी जांच करते हैं।
किसी डॉक्टर, थैरेपिस्ट या डाइटिशियन से बात करें। परिवार या दोस्तों से मदद लें। खुद को दोष न दें, यह कमजोरी नहीं, बल्कि एक मेडिकल कंडीशन है। जल्दी इलाज शुरू करने से रिकवरी आसान हो जाती है और शरीर को होने वाला नुकसान भी कम हो जाता है।
Published on:
20 Nov 2025 03:21 pm

