Heart Attack Causes Study : अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चलता है कि हार्ट अटैक, स्ट्रोक या हार्ट फेलियर का अनुभव करने वाले 99% से ज्यादा लोगों में कम से कम एक रोकथाम योग्य जोखिम कारक, जैसे हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, ग्लूकोज या तंबाकू का सेवन पाया गया था। मेडिकल न्यूज टुडे के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर सबसे आम समस्या थी। विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि लाइफ स्टाइल में बदलाव और समय पर पता लगाना हार्ट डिजीज से बचाव के सबसे प्रभावी तरीके हैं।
हार्ट डिजीज दुनिया भर में मृत्यु का प्रमुख कारण बना हुआ है, हार्ट डिजीज से होने वाली लगभग 85% मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक के कारण होती हैं। चिकित्सा जगत में हुई प्रगति के बावजूद, विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि इन त्रासदियों को रोकने के सबसे प्रभावी तरीके अभी भी सबसे सरल हैं:
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन ने एक चौंकाने वाला सच उजागर किया है। हार्ट अटैक, स्ट्रोक का दौरा पड़ने वाले 99% से ज्यादा लोगों में उनके स्वास्थ्य संकट से बहुत पहले ही कम से कम एक प्रमुख जोखिम कारक अस्वस्थ स्तर पर मौजूद था।
चार खामोश खतरे के संकेत शोधकर्ताओं ने दक्षिण कोरिया में 90 लाख से ज्यादा और संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 7,000 लोगों के लम्बे समय तक स्वास्थ्य रिकॉर्ड की जांच की। उन्होंने चार प्रमुख जोखिम कारकों पर ध्यान केंद्रित किया:
मेडिकल न्यूज़ टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर सबसे आम जोखिम कारक था, जो 95% से ज्यादा दक्षिण कोरियाई प्रतिभागियों और 93% से ज्यादा अमेरिकी प्रतिभागियों में देखा गया।
अध्ययन के वरिष्ठ लेखक और नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी फीनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर फिलिप ग्रीनलैंड ने कहा। अगर ये लगभग सभी मामलों में मौजूद हैं, तो रोकथाम का एक अवसर है।
खतरा इस बात में है कि हाई ब्लड प्रेशर अक्सर बिना किसी लक्षण के होता है और इसे तब तक नजरअंदाज कर दिया जाता है जब तक कि यह गंभीर नुकसान न पहुंचा दे। यहां तक कि कम उम्र की महिलाओं में जिन्हें आमतौर पर कम जोखिम वाली माना जाता है, हृदय संबंधी घटनाओं का अनुभव करने से पहले कम से कम एक अस्वास्थ्यकर कारक पाया गया।
मेमोरियलकेयर सैडलबैक मेडिकल सेंटर के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. चेंग-हान चेन ने कहा कि यह स्टडी साफ दिखाती है कि हमें दिल की बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए समय रहते लोगों की जांच करनी चाहिए और उनके रिस्क फैक्टर्स (जैसे ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्रॉल) को कंट्रोल में रखना चाहिए।
ये नतीजे बताते हैं कि दिल की बीमारियों की वजह सिर्फ जेनेटिक (परिवार से मिली आदतें/बीमारियां ) या अचानक होने वाली घटनाएं नहीं हैं। बल्कि इसकी बड़ी वजह हमारी लाइफ स्टाइल है। अगर हम धूम्रपान छोड़ दें, हेल्दी खाना खाएं, रोज थोड़ा-बहुत व्यायाम करें और ब्लड प्रेशर व शुगर पर नजर रखें, तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी कम हो सकता है। यानी ज्यादातर हार्ट अटैक और स्ट्रोक अचानक से नहीं होते, इन्हें पहले से रोका जा सकता है। शरीर कई बार सालों पहले ही चेतावनी के संकेत देने लगता है।
Published on:
30 Sept 2025 11:53 am