
Japanese Techniques: आजकल ओवरथिंकिंग यानी जरूरत से ज्यादा सोचना एक आम समस्या बन गई है। छोटी-छोटी बातों पर दिमाग परेशान रहना, भविष्य की चिंता करना, या किसी एक बात पर बार-बार अटक जाना, ये सब हमारे मन की शांति छीन लेते हैं। जापानी जीवन-शैली में ऐसी कई परंपराएं और तकनीकें हैं जो मन को शांत करने, संतुलन बनाने और अनावश्यक सोच को रोकने में मदद करती हैं। यहां 7 जापानी तकनीकें दी हैं जो आपके दिमाग को हल्का और शांत रखने में काफी असरदार साबित हो सकती हैं।
शोगनाई का मतलब होता है कि ये बदला नहीं जा सकता। यानी जो चीज आपके बस में नहीं है, उस पर चिंता करके अपनी ऊर्जा बर्बाद मत करें। जब दिमाग तेज़ी से भटकने लगे, खुद से पूछें क्या मैं इसे अभी बदल सकता हूं? अगर जवाब ‘नहीं’ है, तो उसे स्वीकार कर आगे बढ़ें। इससे मन हल्का होता है और फालतू तनाव नहीं होता।
इकिगाई जीवन का वो कारण है, जिससे आपको खुशी और संतुष्टि मिलती है। जब हमारा दिमाग चिंता में फंस जाता है, तो अपने इकिगाई यानी अपने पैशन, अपने हुनर और अपनी छोटी-छोटी खुशियों पर ध्यान देना बहुत मदद करता है। इससे दिमाग उलझनों से निकलकर अर्थपूर्ण कामों की ओर शिफ्ट हो जाता है।
शिनरिन-योकू को ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ भी कहा जाता है। मतलब पेड़ों के बीच थोड़े समय के लिए शांत होकर चलना। प्रकृति की आवाज़ें सुनना, पत्तों की खुशबू और हवा को महसूस करना दिमाग को तुरंत शांत करता है और नकारात्मक विचार कम होने लगते हैं। यह आपके तनाव hormones को भी कम करता है।
जाजेन बैठकर ध्यान करने की एक सरल विधि है। इसमें आराम से बैठकर सिर्फ अपनी सांस पर ध्यान देना होता है। विचार आएंगे, लेकिन उनसे लड़ना नहीं है, बस आते-जाते हुए देखना है। धीरे-धीरे आपका दिमाग सीख जाता है कि किस सोच को पकड़ना है और किसे जाने देना है। इससे ओवरथिंकिंग काफी कम होती है।
ओवरथिंकिंग अक्सर तब बढ़ती है जब हम परफेक्ट बनने की कोशिश करते हैं। वाबी-साबी हमें सिखाता है कि अपूर्णता भी खूबसूरत होती है। टूटे हुए बर्तन, पुरानी लकड़ी, इनमें भी सुंदरता होती है। उसी तरह जीवन भी पूरी तरह परफेक्ट नहीं हो सकता। ये सोच मन को बेहद हल्का कर देती है।
गमन सिखाता है मुश्किल वक्त को धैर्य और सम्मान के साथ झेलो। हर समस्या को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटें और एक-एक करके निपटें। इससे मन भागने के बजाय मजबूत बनता है और ओवरथिंकिंग की जगह एक्शन लेने की ताकत आती है।
इकेबाना यानी फूल सजाने की कला। इस कला का मूल विचार है, किसी भी काम को पूरे ध्यान से करना। चाहे चाय बनाना हो, जर्नल लिखना हो, या खाना पकाना, इन्हें धीरे-धीरे करें। ऐसे छोटे-छोटे mindful रिचुअल्स मन में गहरी शांति लाते हैं और दिमाग को फालतू सोच से दूर रखते हैं।
Published on:
27 Nov 2025 12:02 pm

