Benefits of Oversleeping: आजकल भागदौड़ वाली जिंदगी में कम सोना प्रोडक्टिविटी की निशानी माना जाता है, लेकिन साइंस कहता है कि कभी-कभी ज्यादा नींद लेना शरीर और दिमाग दोनों के लिए ही फायदेमंद साबित हो सकता है। नींद सिर्फ आराम नहीं बल्कि शरीर की हीलिंग और रिपेयरिंग प्रोसेस है।
भरपूर नींद लेने पर दिमाग दोबारा एक्टिव और फ्रेश हो जाता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक रिसर्च बताती है कि नींद के दौरान ब्रेन का डेटा प्रोसेसिंग सेंटर बेहतर काम करता है। इसका सीधा असर मूड, फोकस और स्ट्रेस लेवल पर पड़ता है। तो आइए जानते हैं ज्यादा सोने के फायदे।
गहरी नींद के समय शरीर खुद की मरम्मत का काम करता है। नींद के दौरान निकलने वाला ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन (HGH) मांसपेशियों को ठीक करता है, थकान मिटाता है और ऊर्जा भरता है। इसलिए नींद को शरीर की नैचुरल सर्विसिंग कहा जाता है।
जर्नल ऑफ स्लीप रिसर्च की एक स्टडी के अनुसार, नींद के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता सबसे ज्यादा एक्टिव रहती है। पर्याप्त नींद लेने वाले लोग संक्रमण, वायरस और बैक्टीरिया से बेहतर तरीके से लड़ पाते हैं।
अच्छी नींद से ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट संतुलित रहते हैं। इससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है और हार्ट हेल्थ बेहतर बनी रहती है।
कम नींद लेने से शरीर में भूख बढ़ाने वाला हार्मोन घ्रेलिन बढ़ जाता है, जिससे बार-बार भूख लगती है। वहीं पर्याप्त नींद मेटाबॉलिज्म को संतुलित रखती है और वजन बढ़ने से बचाती है।
ज्यादा नींद लेना जितना फायदेमंद हो सकता है, उतना ही नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि रोजाना 9-10 घंटे से ज्यादा सोना शरीर में सुस्ती, सिरदर्द और थकान पैदा कर सकता है। लंबे समय तक ज्यादा नींद लेने से हार्ट डिजीज, डायबिटीज और मोटापे का खतरा भी बढ़ जाता है। कई बार यह डिप्रेशन, थायरॉइड या स्लीप डिसऑर्डर जैसी बीमारियों का संकेत भी हो सकता है। इसलिए संतुलित नींद लेना ही सही माना जाता है। यानी न बहुत कम और न ही बहुत ज्यादा, बल्कि रोजाना 7-8 घंटे की नींद सबसे हेल्दी मानी जाती है।
Published on:
18 Sept 2025 06:52 pm