
परिजनों को सौंपते प्रशासनिक अधिकारी (फोटो-पत्रिका)
हनुमानगढ़। डेरा सच्चा सौदा की मानवता भलाई मुहिम के तहत संगरिया ब्लॉक के सेवादारों ने एक ऐसा उदाहरण पेश किया, जिसने सभी को भावुक कर दिया। इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) के करेहा गांव निवासी सुनील (35) अपने परिवार से 10 साल पहले बिछड़ गया था। मानसिक रूप से अस्वस्थ सुनील घर से निकला और लौटकर नहीं आया। लंबे समय तक खोजबीन के बावजूद कोई सुराग नहीं मिला। इसी गम में उसके माता-पिता का निधन हो गया, जबकि भाई अनिल वर्षों से उसकी प्रतीक्षा कर रहे थे।
18 सितंबर को गांव बशीर के राजेंद्र इन्सां को हनुमानगढ़ रोड पर एक लावारिस युवक दिखाई दिया। सूचना पर सेवादार मौके पर पहुंचे। युवक ने अपना नाम सुनील बताया, लेकिन सही जानकारी देने में असमर्थ था और उसका एक हाथ भी कटा हुआ था। सेवादारों ने थाने में सूचना देने के बाद उसे रतनपुरा मानवता भलाई केंद्र ले जाकर भोजन, कपड़े और देखभाल उपलब्ध कराई।
सेवादारों ने उसकी अधूरी जानकारी साध संगत से साझा की। लंबे प्रयासों के बाद पता चला कि वह इलाहाबाद का रहने वाला है। खबर मिलते ही उसका भाई अनिल और चचेरा भाई श्याम सिंह संगरिया पहुंचे। करीब 10 साल बाद भाई को देखकर अनिल भावुक हो उठा और आंखों में आंसू भर आए।
लापता युवके के भाई अनिल ने कहा- 'हमने भाई को ढूंढने की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन सेवादारों ने असंभव को संभव कर दिखाया। इस उपकार का बदला हम जिंदगीभर नहीं चुका सकते।'
संगरिया तहसीलदार मोनिका बंसल की मौजूदगी में सभी औपचारिकताएं पूरी कर सुनील को परिजनों को सौंपा गया। उन्होंने कहा कि सेवादार समाज के लिए अनुकरणीय कार्य कर रहे हैं।
Published on:
25 Sept 2025 09:17 pm
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