
ग्वालियर. स्वास्थ्य के लिए लाभदायक सिंघाड़े भी सेहत के लिए घातक हो सकते हैं। क्योंकि इन्हें एसिड से धोया जा रहा है, जो मानव जीवन के लिए खतरनाक है। दरअसल, पानी में पैदा होने वाले सिंघाड़े का रंग पानी वजह से काला हो जाता है। इस कालेपन को हटाने के लिए एसिड का उपयोग किया जा रहा है। इस एसिड की वजह से सिंघाड़े का रंग हरा हो जाता है और वह मुलायम भी हो जाते हैं। यदि बिना धोए किसी ने सिंघाड़े खा लिया तो यह नुकसान भी कर सकता है। खाद्य एवं सुरक्षा विभाग ठेलों पर सिंघाड़े धोने में उपयोग होने वाले एसिड की जांच करने के लिए नहीं पहुंच रहा है और न नमूने ले रहा है। शहर में ङ्क्षसघाड़े की आवक अगस्त के अंत में शुरू हो जाती है। महू जमाहर की ओर इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। इसमें नाले के पानी का उपयोग भी किया जाता है, जिससे रंग काला पड़ जाता है। यदि रंग काला रहता है तो ठेले वालों को भाव नहीं मिलता है। इसके चलते सिंघाड़े को चमकाया जाता है। जानकारों की मानें तो एसिड का उपयोग किया जा रहा है, यह तेजाब की तरह होता है।
उल्टी दस्त जैसी हो सकती है समस्या
-विशेषज्ञों की मानें तो एसिड से धुले सिंघाड़े खाने से स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। जैसे कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की परेशानी, एलर्जी, उल्टी, और दस्त जैसी समस्याएं शामिल हैं। सिंघाड़े में पोषक तत्व होने के कारण ये सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं, लेकिन तेजाब मिलाने से ये किसी जहर से कम नहीं होते।
-शहर में सिंघाड़े का लोग काफी सेवन कर रहे हैं। 40 से 60 रुपए किलो के बीच सिंघाड़ा शहर में मिल रहा है। किसान मंडी में मूल रूप में सिंघाड़ा लेकर आता है, लेकिन ठेलों पर इसे चमकाया जाता है।
एसिड की जांच करते हैं पर उसकी पुष्टि नहीं होती है। ठेले वाले धोने के बाद उन्हें फिर धो देते हैं। यदि कहीं शिकायत आती है तो जांच की जाएगी।
Published on:
06 Nov 2025 07:12 pm
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