
MP News: केंद्रीय शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा ग्वालियर शहर में पीएम ई-बस योजना के तहत 100 बसों के संचालन को मंजूरी दी गई है। प्रथम चरण में दिसंबर माह में 60 बसें आने की उम्मीद है, जबकि शेष 40 बसें बाद में आएंगी। लेकिन नगर निगम और स्मार्ट सिटी अफसरों की सुस्ती से योजना की जमीनी तैयारियां अभी अधूरी हैं।
योजना के तहत अफसरों को नासिक, दिल्ली, भोपाल और इंदौर जाकर बस संचालन और कलेक्शन सिस्टम का निरीक्षण करना था, लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी कोई दौरा नहीं किया गया। निगम के अधिकारी अब तक इस संशय में हैं कि बसों के कलेक्शन और संचालन की जिम्मेदारी राज्य सरकार से तय होगी या नगर निगम से यही भ्रम निरीक्षण और तैयारियों में बाधक बना हुआ है।
नगर निगम को उम्मीद है कि बस संचालन से 36.14 रुपए प्रति किलोमीटर का कलेक्शन मिलेगा, जबकि 22 रुपए केंद्र सरकार की ओर से मिलेंगे। इन दोनों को जोड़कर निगम को संचालक को 58.14 रुपए प्रति किलोमीटर भुगतान करना होगा। हालांकि इंदौर और भोपाल में अभी मात्र 22 से 23 रुपए प्रति किलोमीटर कलेक्शन हो रहा है। ऐसे में ग्वालियर में यदि स्थिति समान रही तो निगम को प्रति किलोमीटर 14 से 15 रुपए का अतिरिक्त भार उठाना पड़ेगा।
आईएसबीटी और रमौआ स्थित बस डिपो में बनने वाले चार्जिंग स्टेशन अभी तक तैयार नहीं हो पाए हैं। कई टेंडर खुले हैं, तो कुछ अब भी फाइलों में अटके हुए हैं। ऐसे में दिसंबर में बसों के संचालन पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
केंद्र सरकार इस योजना में 60 प्रतिशत, जबकि राज्य सरकार 40 प्रतिशत राशि वहन करेगी। मंत्रालय ने प्रदेश के 8 नगर निगमों में कुल 972 ई-बसों को मंजूरी दी है, जिनमें ग्वालियर को 100 बसों का कोटा मिला है। पीएम ई-बस योजना ने बताया कि कलेक्शन प्रक्रिया को लेकर सोमवार को बैठक बुलाई गई है। वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर यह तय किया जाएगा कि टेंडर और भुगतान की प्रक्रिया राज्य स्तर से होगी या निगम स्तर से।- मुनीष सिकरवार, अपर आयुक्त एवं नोडल अधिकारी
Published on:
10 Nov 2025 03:48 pm

