
2 bjp leaders expelled from meeting in guna (फोटो- सोशल मीडिया)
BJP Internal Fight: गुना में हुई भाजपा की कोर कमेटी और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की बैठक शनिवार को उस समय राजनीतिक रूप से गर्मा गई जब पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता हरिचरण वर्मा ने खुलकर संगठन और प्रशासनिक अव्यवस्थाओं पर सवाल उठाए। बैठक में मुख्य रूप से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) मौजूद थे। जैसे ही वर्मा ने अपनी बात रखनी शुरु की, माहौल कुछ देर के लिए शांत और गंभीर हो गया। (MP News)
हरिचरण वर्मा ने कहा कि वे 1965 के स्वयंसेवक हैं। राजमाता विजयाराजे सिंधिया के समय से परिवार से जुड़े हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सिंधिया के प्रयासों से जिले को भरपूर खाद तो मिल रही है, लेकिन उसका दुरुपयोग बढ़ गया है। खाद के लिए लोग रातभर लाइन में लग रहे हैं। महिलाएं तक मर रही हैं, लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं।
उन्होंने नगर पालिका अध्यक्ष और सीएमओ के बीच खींचतान, चौपट सफाई व्यवस्था और बार-बार गिर रहे प्रस्तावों का मुद्दा भी उठाया। पुलिस की निष्क्रियता, फर्जी केसों में फंसाने की घटनाओं, सीमांकन-नामांतरण में बाधाओं और बढ़ती दलाली पर भी तीखे आरोप लगाए। जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं और पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा को भी बेबाकी से रखा।
दूसरी ओर कुछ नेता सिंधिया की तारीफों में व्यस्त रहे और शहर तथा कार्यकर्ताओं की समस्याओं पर खुलकर बोलने का साहस नहीं दिखा सके। केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने वर्मा की बातों को गंभीरता से सुनते हुए आश्वासन दिया कि अगली बार उनके वाहन में वरिष्ठ कार्यकर्ता साथ बैठेंगे और उनकी बातें प्राथमिकता से सुनी जाएंगी।
मूल और नए कार्यकर्ताओं को लेकर तकरार बैठक जारी थी, तभी बिना बुलाए दो भाजपा नेता पहुंच गए। उन्हें देखकर केंद्रीय मंत्री सिंधिया नाराज हुए और साफ कहा कि बिना आमंत्रण वाले लोग खुद बाहर चले जाएं। उनका संकेत नगर पालिका उपाध्यक्ष धर्म सोनी और नेता सुनील मालवीय की ओर था। इसके बाद दोनों चुपचाप बाहर निकल गए। इस बैठक में मूल और नए भाजपा कार्यकर्ताओं का मसला भी उठा। इस पर कुछ नेताओं की आपस में तीखी तकरार भी हुई।
बैठक में 32 वरिष्ठ कार्यकर्ता आमंत्रित थे। इनमें से पांच-छह नहीं पहुंचे। पूर्व विधायक राजेन्द्र सलूजा की अनुपस्थिति विशेष रूप से चर्चा में रही। भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिकरवार ने बिना नाम लिए केंद्रीय मंत्री सिंधिया के तीन दिवसीय प्रवास से दूर रहने वालों पर नाराजगी भी जताई। कुछ नेताओं ने मूल बनाम नए कार्यकर्ताओं की बहस भी छेड़ दी।
अंत में केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने भाजपा नेता आलोक विजयवर्गीय को निर्देश दिए कि अगले प्रवास में उन वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करें, जिन्हें वे अपने साथ रखकर उनकी बात सीधे सुनें। बैठक भले ही संगठनात्मक समीक्षा के लिए थी, लेकिन इसके जरिए भाजपा के भीतर के असंतोष, खींचतान और राजनीतिक समीकरण साफ तौर पर सामने आ गए। (MP News)
Published on:
30 Nov 2025 01:18 pm
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