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कैलिब्रेशन फ्लाइट ने नोएडा एयरपोर्ट पर की सफल लैंडिंग, जल्द होगा संचालन

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहली कैलिब्रेशन फ्लाइट सफल रही। DGCA की टीम ने सभी सिस्टम की जांच पूरी की। अब जल्द ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और डीजीसीए की अंतिम रिपोर्ट के बाद नियमित फ्लाइट ऑपरेशन की दिशा में आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

कैलिब्रेशन फ्लाइट की नोएडा एयरपोर्ट पर सफल लैंडिंग, PC- IANS

ग्रेटर नोएडा : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर पर हवाई परिचालन की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज हुई है। शुक्रवार को एयरपोर्ट के रनवे पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की कैलिब्रेशन फ्लाइट ने सफलतापूर्वक लैंडिंग की। यह ट्रायल नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की निगरानी में संपन्न हुआ। इस फ्लाइट ट्रायल के दौरान एयरपोर्ट के आईएलएस (इंटीग्रेटेड लैंडिंग सिस्टम), कम्युनिकेशन सिस्टम और नेविगेशन उपकरणों की बारीकी से जांच की गई।

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की विशेष टीम ने इस प्रक्रिया को अंजाम दिया। ट्रायल के दौरान यह परखा गया कि रनवे, एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम, नेविगेशनल एड्स और ग्राउंड इक्विपमेंट्स अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कार्य कर रहे हैं या नहीं। आईएलएस सिस्टम का सफल परीक्षण एयरपोर्ट की सुरक्षा और संचालन दोनों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।

कैलिब्रेशन फ्लाइट का परीक्षण कैसे होता है?

कैलिब्रेशन फ्लाइट के दौरान विमान को कई बार रनवे के ऊपर, आसपास और विभिन्न ऊंचाइयों पर उड़ाया जाता है। कई बार विमान अत्यंत निचली ऊंचाई पर आकर फिर से ऊपर उठता है। इससे यह पता किया जाता है कि विमान को मिलने वाले सिग्नल लगातार, स्थिर और साफ हैं या नहीं। उड़ान के हर सेकंड में उपकरणों द्वारा हजारों डेटा पॉइंट रिकॉर्ड होते हैं। इस डेटा का बाद में विशेषज्ञों द्वारा विस्तार से अध्ययन किया जाता है।

फ्लाइट के दौरान पायलटों के साथ टेक्निकल इंजीनियर, फ्लाइट इंस्पेक्टर और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के विशेषज्ञ भी जुड़े रहते हैं। यह टीम लगातार यह देखती है कि सिस्टम किसी भी तरह से डिफॉल्ट या त्रुटि तो नहीं दिखा रहा है। अगर किसी प्रकार की समस्या मिलती है तो उसे तुरंत ठीक किया जाता है और आवश्यकता पड़ने पर उड़ान दोबारा कराई जाती है।

अंतिम चरण में है नोएडा एयरपोर्ट का पहला चरण

जानकारी के मुताबिक, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का पहला चरण अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। आने वाले महीनों में यहां वाणिज्यिक उड़ानों की शुरुआत होने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में यह कैलिब्रेशन फ्लाइट ट्रायल एयरपोर्ट की तैयारियों की एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुआ है।

सूत्रों के अनुसार, डीजीसीए की टीम ने इस दौरान विभिन्न तकनीकी मानकों और सिग्नल की सटीकता को परखा। यह सुनिश्चित किया गया कि रनवे पर विमानों के टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान सभी सिस्टम सुरक्षित और सुचारू रूप से कार्य करें।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सीईओ ने बताया कि यह ट्रायल एयरपोर्ट संचालन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। अब जल्द ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और डीजीसीए की अंतिम रिपोर्ट के बाद नियमित फ्लाइट ऑपरेशन की दिशा में आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

गौरतलब है कि जेवर एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनने जा रहा है, जो दिल्ली-एनसीआर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए कनेक्टिविटी का नया द्वार खोलेगा। इस सफल कैलिब्रेशन फ्लाइट के साथ ही यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अपने निर्धारित समय पर तैयार हो जाएगा।