
दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित गोरखपुर पुस्तक महोत्सव 2025 के छठे दिन बाल मंडप में किस्सागोई और रचनात्मकता का अनूठा संगम देखने को मिला। गोरखपुर के 30 विद्यालयों के 1500 से अधिक विद्यार्थियों ने इस रचनात्मकता आयोजन में भागीदारी की। दिन की शुरुआत रणजीता सचदेवा द्वारा "कमीशिबाई कहानी कहे" के साथ हुई, जहां छोटे श्रोताओं ने "पेपर थिएटर" के अनोखे कहानी कहने के रूप में प्रस्तुत एक जापानी लोक कथा के माध्यम से जापान की यात्रा की।
इसके बाद दीपिका कमालिया द्वारा आयोजित एक "कैलिग्राफी वर्कशॉप" आयोजित की गई, जहां विद्यार्थियों ने खेलने वाले स्ट्रोक के माध्यम से सुंदर लेटरिंग की कला सीखी। जबकि अगले सत्र में रूपेश कुमार के नेतृत्व में "क्ले मॉडलिंग वर्कशॉप" आयोजित हुई। जहां बच्चों ने अपनी कल्पना से मिट्टी को आकार दिया।
ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के एक विभाग, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया (ओयूपी) ने आज गोरखपुर बुक फेयर 2025 में आंगनवाड़ी दीदियों के लिए “कहानियों और गतिविधियों के माध्यम से आनंददायक शिक्षण का निर्माण” विषय पर एक संवादात्मक शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की। इसका आयोजन नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया (एनबीटी) के सहयोग से किया गया है।
कार्यशाला दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित की गई, जिसका संचालन प्रसिद्ध शिक्षिका, लेखिका और प्रारंभिक एवं प्राथमिक स्तर पर गतिविधि आधारित शिक्षण की विशेषज्ञ सोनिया रेलिया ने किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों (आंगनवाड़ी दीदियों) की क्षमता को बढ़ाना था। ताकि वे छोटे शिक्षार्थियों के लिए एक प्रेरणादायक और आनंदमय शिक्षण वातावरण तैयार कर सकें, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में प्रस्तुत दृष्टिकोण के अनुरूप है।
कहानी, संगीत और एक्टिविटी के साझा संयोजन से सोनिया रेलिया ने समझाया कि शिक्षक छोटे बच्चों में संज्ञानात्मक क्षमताओं, सकारात्मक दृष्टिकोण और औपचारिक शिक्षा के प्रति कैसे प्रोत्साहित कर सकते हैं। अपने प्रदर्शन के दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कहानियां और कक्षा की गतिविधियां प्रारंभिक शिक्षा को बहु-इंद्रिय, समावेशी और भावनात्मक रूप से समृद्ध बनाने में मददगार हो सकती हैं।
यह कार्यशाला ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस (ओयूपी) के कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) कार्यक्रम का हिस्सा थी। इस पहल के तहत ओयूपी ने नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) के सहयोग से उत्तर प्रदेश के 100 आंगनवाड़ी केंद्रों में पुस्तकालय स्थापित किए हैं। जिनमें लखनऊ और गोरखपुर जिलों में 50-50 पुस्तकालय शामिल हैं। इन पुस्तकालयों को पुस्तक रैक और लगभग 350 चित्रों से सुसज्जित पुस्तकों से समृद्ध किया गया है।
इस पहल का उद्देश्य बच्चों में पढ़ने के प्रति रुचि विकसित करना और उनके प्रारंभिक वर्षों में सीखने को रोचक एवं दैनिक अनुभव बनाना है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के दृष्टिकोण का हिस्सा है और ओयूपी के उस वैश्विक मिशन की परिचायक है जिसके अंतर्गत संस्था दुनिया भर के वंचित समुदायों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शिक्षण के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के निदेशक युवराज मलिक का कहना है, "ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया के साथ हमारे निरंतर सहयोग का उद्देश्य पुस्तकालयों और कार्यशालाओं जैसी पहलों के माध्यम से प्रारंभिक साक्षरता और आधारभूत शिक्षण को सशक्त बनाना है। हमारे संयुक्त प्रयास देशभर में एक जीवंत पठन संस्कृति को प्रोत्साहित करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए आयोजित यह क्षमता विकास कार्यशाला छोटे शिक्षार्थियों में जिज्ञासा, सृजनात्मकता और संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की भावना के अनुरूप है।"
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया के प्रबंध निदेशक सुकांता दास ने कहा, "ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया में हमारा उद्देश्य शिक्षकों को आवश्यक कौशल, उपकरण और रणनीतियों से सशक्त बनाकर प्रारंभिक शिक्षार्थियों के लिए आधारभूत शिक्षा को मजबूत करना है। उत्तर प्रदेश सरकार और नेशनल बुक ट्रस्ट के साथ सहयोग तथा पुस्तकालय स्थापना और कार्यशालाओं जैसी पहलों के माध्यम से हम यह सुनिश्चित करने के लिए कार्यरत हैं कि प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा तक पहुंच मिले और वह शिक्षा उनके जीवन में रूपांतरकारी सिद्ध हो।"
गोरखपुर बुक फेस्टिवल 2025, जिसका आयोजन नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) और दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है, नौ दिवसीय साहित्यिक उत्सव के रूप में देशभर से प्रकाशकों, शिक्षकों, लेखकों और विद्यार्थियों को एक साथ ला रहा है। 200 से अधिक स्टालों और पुस्तकों व रचनात्मक सत्रों की विविधता के साथ, यह महोत्सव पढ़ने को एक आनंददायक और आजीवन आदत के रूप में प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखता है, जो ओयूपी की शैक्षणिक अवधारणा से गहराई से जुड़ा हुआ है।
पिछले 113 वर्षों से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस (ओयूपी) भारत के शैक्षणिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसके समृद्ध और विविध प्रकाशन पोर्टफोलियो में शैक्षणिक और शोध आधारित ग्रंथ, स्कूल और उच्च शिक्षा की पाठ्यपुस्तकें, बाल साहित्य, अंग्रेजी भाषा शिक्षण सामग्री, संदर्भ पुस्तकों, बहुभाषी शब्दकोशों, एटलस, तथा नवाचारपूर्ण डिजिटल लर्निंग संसाधनों का विस्तृत संग्रह शामिल है।
सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत कलम के सिपाही और हिंदी साहित्य के पुरोधा प्रेमचंद की कालजयी रचना ‘कफन’ की प्रस्तुति के साथ हुई। यह रंगाश्रम, गोरखपुर की नाट्य प्रस्तुति थी। श्री केसी सेन के निर्देशन में डॉ प्रदीप कुमार साहनी, संदीप शर्मा, अमित सिंह पटेल, अजय यादव, सतीश वर्मा, चंदन कुमार, विशाल मिश्रा, मुकेश निषाद एवं अन्य ने विभिन्न भूमिकाएं निभाईं।
इसके बाद भक्ति के स्वर मंच पर गूंजते रहे। संगीत और भक्ति की सुरमयी संध्या में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के श्री सुजीत कुमार ओझा जी की ओर से सगुण और निर्गुण भक्तिधारा' का गायन प्रस्तुत किया गया। अगली प्रस्तुति दिल्ली से सूफी गायिका वंशिका जोशी की रही। जिनकी रूहानी आवाज के साथ लाभांश, हार्दिक, तनिष्क और शशांक ने भी संगत की।
Published on:
06 Nov 2025 11:32 pm

