Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई: 27 हजार लीटर ENA घोटाले में सहायक आबकारी आयुक्त बर्खास्त

27 हजार लीटर ईएनए घोटाले की जांच में बड़े अधिकारी की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर योगी सरकार ने बर्खास्त कर दिया। जीरो टॉलरेंस नीति के तहत हुई इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया है। आइये जानते हैं पूरा मामला क्या है।

Gonda
आबकारी विभाग उत्तर प्रदेश फोटो सोर्स पत्रिका

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार के मामले में अब सख्त हो गई है। 4 समाज कल्याण अधिकारियों की बर्खास्तगी के बाद गोंडा में 27 हजार लीटर इथाइल न्यूट्रल अल्कोहल घोटाले में निलंबित चल रहे सहायक आबकारी आयुक्त को प्रदेश के आबकारी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने सेवा से बर्खास्त कर दिया। लेकिन जांच रिपोर्ट में गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि होने के बाद उनकी सेवा समाप्त कर दी गई।

गोंडा जिले स्थित नवाबगंज आसवानी मे. स्टार लाइट ब्रुकेम लिमिटेड से जुड़ा है। जहां नवंबर 2024 में 27,610 लीटर ईएनए (इथाइल न्यूट्रल अल्कोहल) के चोरी होने या बह जाने की गंभीर घटना सामने आई थी। यह मात्रा इतनी बड़ी थी कि विभाग ने शुरुआत से ही मामले को गंभीर कदाचार की श्रेणी में रखा। जांच टीम ने कई स्तरों पर तथ्यों की पड़ताल की। इस दौरान जांच में सहायक आबकारी आयुक्त रामप्रीत चौहान की भूमिका संदिग्ध पाई गई। इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। जांच रिपोर्ट शासन को सौंपे जाने के बाद उनकी सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है।

मंत्री बोले- सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति केवल शब्दों तक सीमित नहीं इसे सख्ती से लागू किया जा रहा

जांच रिपोर्ट आबकारी मंत्री को सौंपे जाने के बाद मंत्री ने तत्काल प्रभाव से बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया। मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आबकारी विभाग को भ्रष्टाचार-मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दिशा में किसी भी प्रकार की अनियमितता को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि चाहे कोई भी अधिकारी या कर्मचारी क्यों न हो, अगर वह भ्रष्टाचार, अनुशासनहीनता या लापरवाही में शामिल पाया गया। तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस घटनाक्रम ने विभाग के भीतर भी स्पष्ट संदेश दे दिया है। कि सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति केवल शब्दों तक सीमित नहीं है। बल्कि उसे सख्ती से लागू किया जा रहा है।