Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

परिवार की रोजी-रोटी छिनी तो खत्म कर ली जिंदगी, ई-रिक्शा चालक ने पेड़ से लटककर दी जान

गरीबी की मार से जूझ रहे राकेश ने ई- रिक्शा कंपनी द्वारा गाड़ी वापस लेने के बाद जिंदगी खत्म कर ली। आर्थिक संकट ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया।

gonda
घटनास्थल पर जुटे लोग फोटो सोर्स पत्रिका

गोंडा जिले से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। वजीरगंज थाना क्षेत्र के ढोढ़ियापारा राजा सगरा गांव के रहने वाले 32 वर्षीय राकेश उर्फ हग्गन ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर अपनी जान दे दी। बताया जा रहा है कि राकेश बैटरी रिक्शा चलाकर घर-घर सब्जी बेचकर परिवार का पेट पालता था। यही उसकी रोजी-रोटी का सहारा था। लेकिन रविवार को किस्त टूटने की वजह से कंपनी वालों ने उसका रिक्शा वापस ले लिया। इससे राकेश के सामने परिवार का भरण-पोषण करने का संकट खड़ा हो गया।

परिजनों और गांव वालों का कहना है कि राकेश बेहद सीधा-साधा इंसान था और मेहनत-मजदूरी कर अपने बच्चों और परिवार का पालन-पोषण करता था। लेकिन रिक्शा छिन जाने के बाद वह गुमसुम और परेशान रहने लगा था। सोमवार की सुबह उसने अपने ही घर के सामने लगे जामुन के पेड़ से गमछे के सहारे फांसी लगाकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली। अचानक हुई इस घटना से गांव में सन्नाटा छा गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

परिवार पालने की चिंता और कर्ज के बोझ को बर्दाश्त ना कर सका युवक

ग्रामीणों का कहना है कि राकेश को रिक्शा छिनने का इतना दुख था कि वह पूरी रात सो नहीं पाया। परिवार को पालने की चिंता और कर्ज का बोझ उसके लिए असहनीय साबित हुआ। वहीं सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
इस घटना ने एक बार फिर गरीबी और मजबूरी की भयावह तस्वीर सामने रख दी है। जब किसी गरीब के हाथ से उसका मेहनत का साधन छिन जाता है। तो उसके सामने जीवनयापन का बड़ा संकट खड़ा हो जाता है। राकेश की मौत ने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है। परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। प्रभारी निरीक्षक यशवंत कुमार सिंह ने बताया कि, शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। अन्य विधिक कार्यवाई की जा रही है।