
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के दौरान फर्जी वोटिंग पर अंकुश लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग एक खास मोबाइल एप विकसित करा रहा है। जिसके जरिए मतदान केंद्रों पर आने वाले हर मतदाता की रियल टाइम फोटो पहचान होगी। यह फोटो सीधे आयोग के सर्वर से जुड़ जाएगी। जिससे एक ही मतदाता किसी भी चरण में दोबारा वोट नहीं डाल सकेगा।
वर्ष 2026 के अप्रैल-मई में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को पारदर्शी बनाने के लिए यह तकनीकी कदम उठाया गया है। वर्ष 2021 के चुनाव में कुल 12.45 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 90 लाख ऐसे पाए गए थे। जिनके नाम, पिता का नाम और लिंग समान था। आयोग के आकलन के अनुसार, करीब 2.27 करोड़ मतदाता सूचियों में डुप्लीकेट हो सकते हैं। इनकी जांच और संशोधन के निर्देश सभी जिलों को जारी किए गए हैं।
फिलहाल मतदाता सूचियों में फोटो शामिल न होने के कारण फर्जी मतदान की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इस स्थिति से निपटने के लिए आयोग ने मध्य प्रदेश में सफल रहे प्रयोग की तर्ज पर यह एप तैयार करने का निर्णय लिया है। मतदान के दिन पीठासीन अधिकारी अपने मोबाइल नंबर से लॉगइन कर इस एप के जरिये प्रत्येक मतदाता की फोटो कैप्चर करेंगे। यह फोटो विशिष्ट मतदाता नंबर के साथ तत्काल सर्वर पर अपलोड हो जाएगी।
यदि कोई मतदाता दोबारा वोट देने की कोशिश करेगा। तो सिस्टम तुरंत अलर्ट जारी करेगा। और उसकी पहले की वोटिंग की लोकेशन व समय की जानकारी सामने आ जाएगी। सूत्रों के अनुसार, पंचायत चुनाव में औसतन 70 से 80 प्रतिशत मतदान होता है। आयोग का मानना है कि एप के जरिए इतने ही प्रतिशत मतदाताओं की फोटो रियल टाइम में संग्रहित हो जाएगी। जिनका उपयोग आगे चलकर फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र तैयार करने में किया जा सकेगा।
Published on:
02 Nov 2025 08:43 am

