
गोंडा जिले के धानेपुर क्षेत्र में एक ही परिवार पर टूटी लगातार दो त्रासदियों ने गांव को दहला दिया। पत्नी की तेरहवीं से महज तीन दिन पहले पति ने भी अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। बच्चों की परवरिश और भविष्य की चिंता ने उसे इतना तोड़ दिया कि उसने खुद को फंदे के हवाले कर दिया।
गोंडा जिले के धानेपुर थाना क्षेत्र के बनगाई गांव में उस समय हड़कंप मच गया। जब 36 वर्षीय शिवम सिंह अपने कमरे में संदिग्ध अवस्था में मृत मिले। परिजनों के बार-बार आवाज देने के बावजूद जब उन्होंने दरवाजा नहीं खोला तो घरवालों को अनहोनी का शक हुआ। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजे को तोड़ा। अंदर शिवम फंदे पर लटके मिले। जिन्हें नीचे उतारकर पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। शिवम सिंह की जिंदगी पिछले कुछ दिनों से पूरी तरह बदल गई थी। उनकी पत्नी वंदना सिंह (32), जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुजेहना में आशा बहू के पद पर तैनात थीं। 30 अक्टूबर की रात घर के अंदर फांसी लगाकर जान दे दी थी। अगली सुबह जब वह कमरे से बाहर नहीं आईं। तब परिजनों ने दरवाजा तोड़ा और उनका शव फंदे से लटका मिला। पत्नी की मौत की खबर मिलते ही शिवम तुरंत दिल्ली से घर पहुंचा। उसने अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार किया।
वंदना की तेरहवीं 11 नवंबर को होनी थी। घर में तैयारी चल रही थी, लेकिन शिवम मानसिक रूप से टूट चुका था। वह परिवार वालों से बच्चों 6 वर्ष वेदांश और 8 वर्ष विदांशी
की भविष्य और परवरिश को लेकर गहरी चिंता जताता रहता था। पिछले कुछ दिनों से उसने घर से बाहर निकलना भी लगभग बंद कर दिया था। शनिवार सुबह जब वह लंबे समय तक कमरे से बाहर नहीं आया तो परिजन दरवाजा खटखटाने पहुंचे। अंदर से कोई जवाब न मिलने पर पुलिस को बुलाया गया। जांच में स्पष्ट हुआ कि शिवम ने सदमे और तनाव में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
एएसपी पूर्वी मनोज कुमार रावत ने बताया कि पत्नी की मौत का दुख और बच्चों की जिम्मेदारी का दबाव शिवम बर्दाश्त नहीं कर सका। फिलहाल पुलिस मामले की आगे की कानूनी प्रक्रिया में जुटी है। जबकि दोनों मासूम बच्चों की देखभाल अब दादी कोकिला सिंह के जिम्मे है।
Published on:
09 Nov 2025 07:45 am

