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CPR Technique में निपुण नहीं मिले ईएमटी, अब आउटसोर्सिंग चिकित्सा कर्मियों के क्वालिफिकेशन की होगी जांच

जिले में मकान गिरने की घटना के बाद आयुक्त ने 108 एंबुलेंस पर तैनात ईएमटी (Emergency Medical Technician से बातचीत किया तो पता चला कि CPR Technique की बेहतर जानकारी नहीं है। जिसके बाद आयुक्त ने आउटसोर्सिंग चिकित्सा कर्मियों के क्वालिफिकेशन की जांच के आदेश दिए है। जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।

Gonda
आयुक्त शशिभूषण लाल सुशील देवीपाटन मंडल फोटो सोर्स सूचना विभाग

गोंडा जिले में दो दिन पहले मकान गिरने की घटना में एक श्रमिक की उसके नीचे दबकर मौत हो गई थी। जबकि चार श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घटना के बाद मौके पर पहुंचे आयुक्त ने 108 एंबुलेंस पड़ता है नाथ इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन से बातचीत किया तो वह हैरान रह गए। पता चला कि टेक्नीशियन को CPR Technique की जानकारी ही नहीं है।

आयुक्त देवीपाटन मण्डल शशि भूषण लाल सुशील ने गोंडा जिले में हाल ही में हुई भवन गिरने की घटना के बाद 108 एम्बुलेंस में ड्यूटी कर रहे ई.एम.टी. (Emergency Medical Technician) के साथ वार्ता की। इस दौरान स्पष्ट हुआ कि कई ई.एम.टी. CPR Technique के क्रियान्वयन में निपुण नहीं हैं। आयुक्त ने इस पर गंभीरता जताते हुए निर्देश दिए कि मण्डल के सभी जनपदों में कार्यरत सभी ई.एम.टी. की Educational Qualification एवं Medical Qualification का सत्यापन किया जाए। इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी गोण्डा, बलरामपुर, बहराइच एवं श्रावस्ती को पत्र भेजकर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

3 दिन के भीतर ईएमटी की सभी शैक्षिक योग्यता निर्धारित प्रारूप पर उपलब्ध कराने के निर्देश

आयुक्त ने कहा कि प्रत्येक ई.एम.टी. का नाम, पदस्थापन स्थल, तैनाती की तिथि, शैक्षिक योग्यता, चिकित्सकीय योग्यता तथा सेवा में भर्ती होने का स्रोत निर्धारित प्रारूप पर तीन दिवस के भीतर उपलब्ध कराया जाए। साथ ही यह भी कहा गया है कि चिकित्सा सेवा से जुड़े सभी आउटसोर्सिंग कर्मियों की नियुक्ति संबंधित योग्यता का परीक्षण भी अनिवार्य रूप से किया जाए।

मेडिकल सेवाओं में निपुण होने पर नौकरी पर मंडराया खतरा

आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि मरीजों की जान बचाने में तैनात ई.एम.टी. और चिकित्सा कर्मियों की दक्षता किसी भी स्थिति में समझौते योग्य नहीं है। अतः योग्य एवं प्रशिक्षित कर्मियों की ही नियुक्ति सुनिश्चित की जाए। यह कदम आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।