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SIR फॉर्म में उलझे मतदाता… महिलाओं में सबसे बड़ा सवाल पिता या पति का नाम लिखें

CG SIR Process: एसआईआर फॉर्म भरने में सबसे ज्यादा उलझन शादीशुदा महिलाओं को हो रही है। फॉर्म के अभिभावक नाम वाले कॉलम में पिता का नाम लिखें या पति का?

मतदाता सूची संशोधन पर बवाल! बैज का आरोप- नोटबंदी जैसी अफरा-तफरी फैला रही भाजपा...(photo-patrika)
मतदाता सूची संशोधन पर बवाल! बैज का आरोप- नोटबंदी जैसी अफरा-तफरी फैला रही भाजपा...(photo-patrika)

CG SIR Process: मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण एसआईआर अभियान की शुरुआत होते ही तस्वीर साफ हो गई कि जमीनी तैयारी कागजी दावों से बहुत पीछे है। फॉर्म तो घर-घर पहुंच रहे हैं, लेकिन मतदाताओं को यह नहीं बताया गया कि उन्हें कैसे भरना है। ( CG News ) जिले भर में सबसे ज्यादा उलझन शादीशुदा महिलाओं को हो रही है। फॉर्म के अभिभावक नाम वाले कॉलम में पिता का नाम लिखें या पति का? यह सवाल लगातार उठ रहा है।

CG SIR Process: आ रही शिकायतें

चुनाव आयोग की गाइडलाइन स्पष्ट कहती है कि इस कॉलम में पिता का नाम ही दर्ज किया जाना चाहिए और पति के लिए अलग कॉलम निर्धारित है, लेकिन यह जानकारी गरियाबंद के अधिकांश क्षेत्रों में मतदाताओं तक नहीं पहुँच सकी। फिंगेश्वर क्षेत्र से शिकायतें आई हैं कि फॉर्म आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बजाय उनके परिजनों द्वारा बांटे गए।

सत्यापन और स्पष्टीकरण ठप

मतदाताओं का कहना है कि फॉर्म तो हाथ में दे दिए गए, पर यह नहीं बताया गया कि बीएलओ कौन है, संपर्क कैसे होगा और सहायता कहां से मिलेगी। कई फॉर्म पर बीएलओ का मोबाइल नंबर तक दर्ज नहीं था, जिससे सत्यापन और स्पष्टीकरण पूरी तरह ठप हो गया है।

उलझन में लोग

फॉर्म की सामग्री भी लोगों के लिए उलझन का कारण बनी हुई है। यदि मतदाता का नाम 2002-2003 की एसआईआर सूची में है, तो विस्तृत विवरण भरना होगा। यदि नाम सूची में नहीं है, तो माता-पिता, दादा-दादी या नाना-नानी का विवरण और दस्तावेज़ संलग्न करने की बाध्यता है। बाहर काम करने वाले और शहर से बाहर रह रहे परिवार के सदस्यों के लिए अभिभावक द्वारा फॉर्म भरने का प्रावधान है, लेकिन यह जानकारी भी मतदाताओं तक नहीं पहुँच सकी।

पड़ताल में चौंकाने वाला खुलासा

फिंगेश्वर व कोपरा नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कई घरों में फॉर्म भरकर रखे हैं, लेकिन जमा करने की प्रक्रिया स्पष्ट न होने से लोग असमंजस में हैं। पत्रिका ने क्षेत्र के अनेक गांवों में पहुंच एसआईआर अभियान की पड़ताल किया तो सभी जगह चौंकाने वाले नज़ारा देखने को मिला है। ज़्यादातर मतदाता को अभी तक यह समझ नहीं आए है कि फॉर्म भरना कैसे है और इसके लिए कौन से जरूरी दस्तावेज की जरूरत पड़ेगी। और यह दस्तावेज उपलब्ध कैसे होगा।

वर्ष 2003 के मतदाता सूची में जिनका नाम नहीं था ऐसे मतदाता सबसे ज्यादा कंफ्यूज में है। इसी बीच एसआईआर अभियान का तिथिवार कार्यक्रम भी जारी किया गया है। 28 अक्टूबर 2025 से 3 नवम्बर 2025 तक मुद्रण एवं प्रशिक्षण का चरण रखा गया है।

7 फरवरी 2026 को जारी होगी अंतिम मतदाता सूची

इसके बाद 4 नवम्बर से 4 दिसम्बर 2025 तक घर-घर गणना और सत्यापन कार्य होगा। 9 दिसम्बर 2025 को मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। 9 दिसम्बर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियां दर्ज होंगी। 9 दिसम्बर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक नोटिस चरण चलेगा और अंत में 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी। लेकिन ब्लॉक में पहली ही कड़ी अस्त-व्यस्त दिख रही है। जिम्मेदारों के मौन और प्रशासनिक उदासीनता ने मतदाताओं की चिंता बढ़ा दी है। लोगों का कहना है कि चुनाव आयोग सटीक और पारदर्शी मतदाता सूची की बात करता है, लेकिन जब मतदाता को सही दिशा ही न मिले तो लक्ष्य कैसे पूरा होगा।

ब्लॉक में एसआईआर की वर्तमान स्थिति यही बता रही है फॉर्म पहुंच रहे हैं, लेकिन जानकारी नहीं। प्रक्रिया चल रही है, लेकिन भरोसा नहीं और सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा है कि क्या व्यवस्था सुधरेगी या फिर इसका खामियाज़ा मतदाता ही भुगतेंगे।