Skill Based Education: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बड़ा ऐलान किया है। अब क्लास 11 और 12 के स्टूडेंट्स को सिर्फ साइंस, कॉमर्स या आर्ट्स ही नहीं, बल्कि स्किल बेस्ड सब्जेक्ट्स भी पढ़ने को मिलेंगे। सरकार नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत ये बदलाव करने जा रही है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि अब पढ़ाई सिर्फ डिग्री और सर्टिफिकेट तक ही सीमित नहीं रह गई है। यह बच्चों को कुशल और सक्षम बनाना भी जरूरी है। पीएम मोदी भी कई बार इस पर कह चुके हैं कि देश को सिर्फ डिग्रीधारक नहीं बत्कि काबिल और स्किल्ड स्टूडेंट्स चाहिए।
मंत्री ने कहा कि पहले स्किल बेस्ड पढ़ाई वैकल्पिक (Optional) थी, लेकिन अब इसे स्कूल की पढ़ाई का हिस्सा बनाया जाएगा। यहां तक कि क्लास 6 से ही स्किल एजुकेशन शुरू करने की तैयारी चल रही है।
अभी तक क्लास 11 और 12 की पढ़ाई साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स तक सीमित थी। लेकिन अब स्टूडेंट्स को इसके साथ-साथ नए स्किल सब्जेक्ट्स पढ़ने का मौका मिलेगा। जैसे कोडिंग और कंप्यूटर लैंग्वेज, ड्रोन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मैथ्स और दूसरी भाषाएं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि ये नया दौर है और बच्चों को ऐसे स्किल्स सिखाने की जरूरत है, जिससे वे भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहें।
प्रधान चेन्नई के IIT मद्रास में आयोजित दक्षिणपथ समिट 2025 में स्टूडेंट्स से मुलाकात की और कहा कि IIT अब ऐसे टैलेंट्स को भी अवसर दे रहा है जो खेल या संगीत जैसे अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। IITM for All नामक योजना के तहत तमिलनाडु के सरकारी स्कूलों से पढ़कर आए बच्चे भी IIT में एडमिशन ले पा रहे हैं। ये बच्चे IIT मद्रास के ऑनलाइन बीएस डेटा साइंस कोर्स में दाखिला ले रहे हैं।
प्रधान ने कहा कि भारत में अब 1.75 लाख से ज्यादा स्टार्टअप हैं और ये स्टूडेंट्स अब जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब क्रिएटर बन रहे हैं। उन्होंने भाषाओं के महत्व पर भी बात की और कहा कि दुनिया से जुड़ने के लिए हिब्रू, मंदारिन या अंग्रेजी सीख सकते हैं, लेकिन वे खुद तमिल भाषा सीखना चाहते हैं क्योंकि तमिलनाडु को उन्होंने सोचने वाली जीवंत समाज कहा।
नई शिक्षा नीति का मकसद सिर्फ पढ़ाई में बदलाव करना नहीं, बल्कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है। आने वाले सालों में स्कूल से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई में धीरे-धीरे स्किल्स को अहमियत दी जाएगी।
Published on:
22 Sept 2025 12:19 pm