
झूला पुल, हाइड्रोलिक गेट सिस्टम मय स्टॉप डेम व घाट सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट पर उठ रहे सवाल
डिंडौरी. पतित पावनी मां नर्मदा प्रदूषण की पीड़ा झेल रही हैं। नगर के विभिन्न हिस्सों से निकलने वाले नाले बिना किसी शोधन के सीधे मां नर्मदा में गिर रहे हैं, जिससे इस जीवनदायिनी नदी निरंतर मैली होता जा रहा है। करोड़ों रुपए की लागत से नगर में सीवर लाइन बिछाने का कार्य वर्षों से प्रगति पर है, लेकिन इसकी रफ्तार बेहद धीमी है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब तक यह परियोजना पूरी नहीं होती, तब तक मां नर्मदा को गंदे नालों से मुक्ति मिलना असंभव प्रतीत होता है।
मां नर्मदा भक्त आशीष सिंह चौहान ने बताया कि नर्मदा केवल एक नदी नहीं, यह हमारे अस्तित्व की धारा है। यदि अभी कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले वर्षों में इसका जल स्नान और पूजा योग्य भी नहीं रहेगा। प्रशासन सीवर परियोजना की गति बढ़ाए और नालों को नदी में मिलने से पहले शोधन संयंत्र से जोड़े। समाजसेवी रोहित कांसकार ने कहा कि जब भी कोई जनप्रतिनिधि आते हैं तो मां नर्मदा की पूजा करते है, परंतु नालों से गिरते गंदे पानी की ओर कोई ध्यान नहीं देता। वास्तविक भक्ति तो तब होगी जब मां नर्मदा को स्वच्छ किया जाएगा। जनता अब यही सवाल पूछ रही है कि आखिर प्रशासन और जनप्रतिनिधि कब तक इस पवित्र नदी की अनदेखी करते रहेंगे। केवल आरती और पूजा-अर्चना से मां नर्मदा की पवित्रता लौट आएगी, या फिर धरातल पर काम करने का समय आ गया है।
नगर परिषद नगर विकास के लिए करोड़ों की लागत से झूला पुल, हाइड्रोलिक गेट सिस्टम मय स्टॉप डेम और घाटों के सौंदर्यीकरण के प्रोजेक्ट पर पहल कर रही है। पूर्व में करोड़ों की लागत से नल जल योजना, प्रधानमंत्री आवास शहरी, पूर्व परिषद में करोड़ों की लागत से शहर का सौंदर्यीकरण, पुरानी डिंडौरी तिराहा से मंडला स्टैंड तक डिवाइडर युक्त सडक़, सर्व सुविधायुक्त चौपाटी, मीट मार्केट, व्यवस्थित सब्जी मंडी, शहर की मेन रोड के दोनों तरफ पक्की नाली सहित अन्य विकास कार्य के दावे किए गए थे, जो अब तक पूरा नहीं हो पाया। इसके बलावा शहर के वार्डों में सफाई व्यवस्था भी भगवान भरोसे है। शहर वासियों का कहना है कि शहर का विकास करना अच्छी बात है, किंतु जो जरूरी है पहले उन कार्यों पर ध्यान दिया जाए तो बेहतर होगा। शहर ही व्यवस्थित और साफ सुथरा नहीं होगा तो पर्यटन को आखिर कैसे बढ़ावा मिल सकेगा।
नगर की मुख्य समस्याओं को दूर कर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग वर्षों से की जा रही है। इसके बाद भी समस्याएं जस की तस बनी हुई है। नर्मदा नदी में मिल रहे गंदे नालों की व्यवस्था कर प्रदूषणमुक्त करने की सबसे अधिक जरूरत है। इसके अलावा जरूरतमंदों को पीएम आवास, सीवर लाइन का कार्य पूरा करना, शहर में अलग अलग लग रही मीट मछली की दुकानों को मीट मार्केट में व्यवस्थित करना, नगर में सब्जी मंडी कृषि उपज मंडी की जमीन पर लग रही है, सब्जी मंडी को व्यवस्थित कर सुविधा उपलब्ध कराना, मां नर्मदा से सटे बस स्टैंड में शराब बिक्री और मुर्गा मछली की लग रही दुकानों को हटाया जाने की मांग लगातार उठ रही है।
नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक के बाद डिंडौरी पहला जिला है, जहां से मां नर्मदा होकर गुजरी है। पहले जिले का दर्जा प्राप्त होने के बाद भी शहर में ही नर्मदा नदी में हद से ज्यादा प्रदूषण है। जनप्रतिनिधि भी यह जानते हैं, इसके बावजूद ठोस पहल नहीं होने से दिनों दिन स्थिति और अधिक खराब होती जा रही है। नर्मदा नदी में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है।
Published on:
04 Nov 2025 10:49 pm

