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बीहड़ में डिजिटल लाइब्रेरी बदलेगी सूरत, सपनों को लगेंगे पंख

. बदलाव के लिए समय का इंतजार नहीं करना पड़ता, केवल इच्छा शक्ति चाहिए। ऐसा ही कुछ पूर्वी राजस्थान के डांग और चंबल के बीहड़ से घिरे धौलपुर जिले में दिखा। यह इलाका हमेशा से भूगौलिग परिस्थिति की वजह से विकास कार्यों के लिए चुनौती पूर्ण रहा है लेकिन अब धीरे-धीरे तस्वीर बदल रही है।

बीहड़ में डिजिटल लाइब्रेरी बदलेगी सूरत, सपनों को लगेंगे पंख Digital library will change the face of the ravine, dreams will take wings

- 28 ग्राम पंचायतों में खुलेंगी हाइटेक डिजिटल लाइब्रेरी, 18 इस माह शुरू

- प्रदेश में पहली दफा ग्राम पंचायत स्तर पर प्रयास, भामाशाह और एनजीओ का भी सहयोग

- जिला परिषद सीईओ और युवा सरपंचों ने डिजिटल मिशन का थामा झंडा

धौलपुर. बदलाव के लिए समय का इंतजार नहीं करना पड़ता, केवल इच्छा शक्ति चाहिए। ऐसा ही कुछ पूर्वी राजस्थान के डांग और चंबल के बीहड़ से घिरे धौलपुर जिले में दिखा। यह इलाका हमेशा से भूगौलिग परिस्थिति की वजह से विकास कार्यों के लिए चुनौती पूर्ण रहा है लेकिन अब धीरे-धीरे तस्वीर बदल रही है। जिले के डांग क्षेत्र के युवा अब डिजिटल लाइब्रेरी के जरिए अपने सपने बुनने को तैयार हैं। जिला परिषद प्रशासन, ग्राम पंचायतें और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने नई पहल शुरू की है। जिले की 28 ग्राम पंचायतों में युवाओं के लिए हाइटेक डिजिटल लाइब्रेरी का होंगी। ये लाइब्रेरी राजस्थान में संभवतया पहली होंगी, जहां पर विद्यार्थियों को शुल्क नहीं देना होगा। डिजिटल लाइब्रेरी मिशन पर जिला परिषद के साथ सरकारी बैंक एसबीआई कार्ड की तरफ से करीब 2.50 करोड़ रुपए का खर्च किए जा रहे हैं। 28 डिजीटल लाइब्रेरी में से 18 तैयार है और कुछ शुरू हो गई हैं। जिले में नवम्बर माह अंत तक 50 डिटिजल लाइब्रेरी बनाने का मिशन है।

युवाओं को उत्कृष्ट शैक्षणिक सामग्री मिलेगी

डिजिटल लाइब्रेरी में युवाओं को देश-दुनिया के नामी राइटर्स की किताबें और राइटअप उपलब्ध होगा। जिला परिषद सीईओ (प्रशिक्षु आईएएस) अवहद निवृत्ति सोमनाथ कहते हैं कि लाइब्रेरी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र और दूर-दराज इलाकों में रह रहे युवाओं को बराबरी का मौका उपलब्ध कराना है। साथ ही मुफ्त हो, जिससे आर्थिक बोझ न हो। लाइब्रेरी में डिजिटल सामग्री के साथ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ संवाद भी करवाया जाएगा, जिससे युवाओं को आरपीएस, रेलवे, नीट, आइआइआईटी व यूपीएससी जैसी देशी की बड़ी परीक्षाओं में भागीदारी निभाने और उसके समकक्ष तैयारी करने में आसानी होगी।

डिजिटल रेकॉर्ड के साथ फेस स्कैन से एंट्री

इन लाइब्रेरियों की खासियत होगी कि हरेक का डिजिटल रेकॉर्ड होगा। युवाओं की भी डिजिटल पहचान रहेगी। लाइब्रेरी में से कौन बुक लेकर गया और कितने दिन हो गए, इसका का भी डिजिटल डेटा रहेगा। किताबों पर स्कैनर से डेटा सुरक्षित रखा जाएगा। साथ ही एक मास्टर सर्वर रूम रहेगा, जहां पर इन लाइब्रेरी का रेकॉर्ड सुरक्षित रहेगा। लाइबे्ररी में स्टूडेंट की फेस स्कैन से एंट्री रहेगी। साथ ही यहां आरओ सुविधा और फ्री वाई-फाई मिलेगा।

बताया प्लान, साथ में आए युवा सरपंच

प्रशिक्षु आईएएस सोमनाथ ने करीब 8 माह पहले डिजिटल लाइब्रेरी का प्लान कुछ सरपंचों से सांझा किया। शुरुआत में खास रेस्पांस नहीं मिला। इस बीच उन्होंने जिले में विशेष ‘चंद्र ज्योति अभियान’ शुरू किया। सरकारी स्कूलों के बच्चों ने खूब भागीदारी निभाई। विजेता छात्रा एक दिन की सीईओ बनी। इस अभियान ने युवा सरपंचों का ध्यान खींचा। सैंपऊ उपखंड की कैंथरी ग्राम पंचायत सरपंच अजयकांत शर्मा, पिपरेट सरपंच रजनी तोमर व सरमथुरा की झिरी सरपंच समेत अन्य आगे आए और डिजिटल लाइब्रेरी मिशन से जुड़ गए। ग्राम पंचायतों में अनुपयोग पड़ी इमारत को कार्य में लिया और फिर उसे डिजिटल लाइब्रेरी में बदल दिया। वर्तमान में करीब 28 लाइब्रेरी हैं।

डांग की बेटियों को घर पर मिलेगा मौका

डांग क्षेत्र में डिजिटल लाइब्रेरी खुलने से बेटियां खुश हैं। छात्रा प्रियंका ने कहा कि वह घर पर रहकर प्रतियोगी परीक्षा की अब तैयारी कर सकेगी। छात्र रमाकांत ने कहा कि सोचा नहीं था कि ग्राम पंचायत में डिजिटल लाइब्रेरी खुलेगी। वह भी अपने सपने पूरे कर सकेगा। यूएनओ में संबोधन करने वाले इंजीनियर डॉ.प्रियानंद भी मिशन से जुड़े हैं। वे कहते हैं कि अमेरिका में शिक्षण कार्य में हाइटेक टेक्नोलॉजी का खूब इस्तमाल कर बच्चों की जड़ों को बचपन से ही मजबूत किया जाता है। जिससे वह टेक्नोलॉजी में आगे रहते हैं।

- प्रदेश के अन्य जिलों की मुकाबले धौलपुर की भूगौलिग स्थिति जटिल हैं। और शिक्षा के स्तर को बेहतर करने की जरुरत है। ग्रामीण क्षेत्र में शहरों की तरह डिजिटल लाइब्रेरी नहीं हैं। ग्रामीणों बच्चे और विशेषकर छात्राओं को मौका देने के लिए यह प्रयास शुरू किया है। ग्राम पंचायतों पर सरकारी बेकार पड़े भवनों को सुधार कर उनमें डिजिटल लाइब्रेरी शुरू कर रहे हैं। कुछ शुरू हो चुकी हैं। जिले में करीब 50 लाइब्रेरी इस साल शुरू करने का लक्ष्य है।

- एएन सोमनाथ, सीईओ (प्रशिक्षु आईएएस), जिला परिषद धौलपुर