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शहर का वाटरवक्र्स चौराहा: हादसों के बाद भी नहीं जली बत्ती, हालात बदतर

शहर के सबसे व्यस्त चौराहों में शुमार राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या ४४ स्थित वाटरवक्र्स चौराहे पर यातायात अस्त-व्यस्त है। जबकि दो दिन पहले यहां पर हाइवे पर कार समेत पांच वाहन आपस में जा भिड़े, वो गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ। इसके बाद भी एनएचएआई, नगर परिषद और स्थानीय प्रशासन कोई सुध नहीं ले पा रहा है। उधर, यातायात पुलिस का कहना है कि चौराहे पर लगी ट्रेफिक लाइट का संचालन नगर परिषद के जिम्मे हैं। लाइट को शुरू करने के लिए प्रशासन को पत्र लिखा जा चुका है।

शहर का वाटरवक्र्स चौराहा: हादसों के बाद भी नहीं जली बत्ती, हालात बदतर City's Waterworks intersection: Lights remain off even after accidents, worsening conditions

- यातायात पुलिस ने लाइट शुरू करने को नगर परिषद प्रशासन को लिखी चिट्ठी

धौलपुर. शहर के सबसे व्यस्त चौराहों में शुमार राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या ४४ स्थित वाटरवक्र्स चौराहे पर यातायात अस्त-व्यस्त है। जबकि दो दिन पहले यहां पर हाइवे पर कार समेत पांच वाहन आपस में जा भिड़े, वो गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ। इसके बाद भी एनएचएआई, नगर परिषद और स्थानीय प्रशासन कोई सुध नहीं ले पा रहा है। उधर, यातायात पुलिस का कहना है कि चौराहे पर लगी ट्रेफिक लाइट का संचालन नगर परिषद के जिम्मे हैं। लाइट को शुरू करने के लिए प्रशासन को पत्र लिखा जा चुका है। उधर, कार्यवाहक आयुक्त कर्मवीर सिंह का कहना है कि लाइट सही लेकिन उसे शुरू करना है। लेकिन इसके बाद भी अभी तक लाइट शुरू नहीं हो सकी है। हाइवे का चौराहे होने की वजह से यहां हादसे का डर बना रहता है। इसके बाद भी जिम्मेदार ट्रेफिक लाइट को लेकर गंभीर नहीं हैं।

गौरतलब रहे कि हाइवे के इस चौराहे पर पुरानी लाइट खराब होने के बाद एनएचएआई ने नई लाइट के लिए नगर परिषद को लाखों रुपए का भुगतान किया। लाइन लग भी गई लेकिन पहले टाइमर गड़बड़ा गया और फिर बरसात के चलते लाइट्स को बंद कर दिया। जिसके बाद से यह लाइट्स बंद पड़ी हैं।मेले की भीड़, नजर चूकी तो...वाटर वक्र्स चौराहे पर इन दिनों अच्छी खासी भीड़ है। वजह नगर परिषद के मेला मैदान में शरद महोत्सव का आयोजन हो रहा है। शहर की तरफ से बड़ी संख्या में लोग मेला पहुंच रहे हैं। मेला जाने के लिए वाटर वक्र्स चौराहे को क्रास करके निकलना होता है। लेकिन ट्रेफिक लाइट बंद होने से हाइवे का ट्रेफिक के नहीं रुकने से लोग इस क्रॉस नहीं कर पाते हैं। जब कोई बड़ा वाहन निकलता है तो उसके सहारे दुपहिया वाहन और लोग गुजरते हैं। पूर्व में इस चौराहे पर हादसे हो चुके हैं।

दूसरे चौराहों की भी यही कहानी

ऐसा नहीं कि शहर का यह एकमात्र चौराहे हो, जहां पर अव्यवस्था दिख रही हो। इसी तरह के हालात सदर थाने के सामने चौराहे पर भी रहते हैं। यहां सदर थाने की तरफ से वाहन और आमजन को क्रॉस करने के लिए भारी परेशानी उठानी पड़ती है। तेज रफ्तार के साथ हाइवे पर दौड़ रहे वाहनों से हादसे की आशंका रहती है। इसी तरह शहर के हाउसिंग बोर्ड तिराहा, जगदीश तिराहा व नवीन अस्पताल चौराहे भी यही हालात बने हुए हैं। यहां पर यातायात पुलिस की व्यवस्था नहीं होने से भी समस्या रहती है। यह प्वाइंट भी एनएच 123 और एनएच 11बी अंतर्गत हैं। इसमें नवीन अस्पताल चौराहे पर रोशनी की व्यवस्था नहीं होने से रात में चौराहे से निकलना मुश्किल हो जाता है।

वाटरवक्र्स चौराहे की बंद पड़ी लाइट्स शुरू करने के लिए विभाग की तरफ से नगर परिषद को पत्र लिखा जा चुका है। इसकी जिम्मेदारी परिषद पर है। प्वाइंट पर शाम के समय निगरानी रहती है।

- बलविंदर सिंह, यातायात प्रभारी शहर