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Surya Grahan in September 2025 : जानिए 21 सितंबर का सूर्य ग्रहण भारत के लिए क्यों है बढ़िया

Surya Grahan in September 2025 : 21 सितंबर 2025 को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत के लिए शुभ संकेत लेकर आ रहा है। खास बात यह है कि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल लागू नहीं होगा। ज्योतिष के अनुसार इस ग्रहण से भारत को सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।

भारत

Dimple Yadav

Sep 20, 2025

Surya Grahan in September 2025
Surya Grahan in September 2025 (photo- gemini ai)

Surya Grahan in September 2025 : 21 सितंबर 2025 को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत के लिए कई दृष्टियों से खास और शुभ फलदायी माना जा रहा है। जब भी सूर्य या चंद्र ग्रहण होता है तो सूतक काल की मान्यता रहती है, जिसमें धार्मिक कार्यों और शुभ कामों पर रोक होती है। लेकिन इस बार का सूर्य ग्रहण भारत में सूतक काल से मुक्त रहेगा, यानी इसका धार्मिक दृष्टि से कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। यही कारण है कि ज्योतिषियों का मानना है कि यह ग्रहण भारत के लिए बेहद शुभ साबित हो सकता है। तो आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास से कि इस बार का सूर्य ग्रहण भारत के लिए क्यों बढ़िया है।

सूतक काल क्यों नहीं लग रहा है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल तभी माना जाता है जब ग्रहण भारत में दिखाई दे। लेकिन 21 सितंबर का यह सूर्य ग्रहण भारत में प्रत्यक्ष रूप से दिखाई नहीं देगा, बल्कि यह मुख्य रूप से उत्तरी और पश्चिमी देशों में देखा जाएगा। इस कारण भारत में इसका सूतक काल प्रभावी नहीं होगा। इसका अर्थ यह है कि नवरात्रि जैसे धार्मिक कार्य और पूजा-पाठ बिना किसी बाधा के किए जा सकेंगे। यही वजह है कि इस ग्रहण का असर भारत के लिए शुभ संकेतों से भरा माना जा रहा है।

आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से लाभकारी

इस सूर्य ग्रहण के बाद भारत की आर्थिक स्थिति में मजबूती आने की संभावना है। व्यापार और निवेश के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव होंगे। विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और नए रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। कृषि क्षेत्र में भी अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे, क्योंकि ग्रहों का योग मौसम को संतुलित बनाएगा।
राजनीतिक दृष्टि से भी यह ग्रहण भारत की साख को और मजबूत करेगा। विदेश संबंधों में सुधार होगा और भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि और अधिक उज्ज्वल होगी।

सामाजिक और आध्यात्मिक असर

ग्रहण के कारण लोगों की आस्था और भी गहरी होगी। खासकर क्योंकि सूतक काल नहीं है, लोग इस समय पूजा-पाठ, ध्यान और धार्मिक कार्यों में और अधिक सक्रिय होंगे। यह समय नवरात्रि से ठीक पहले आ रहा है, इसलिए इसका सकारात्मक प्रभाव आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाएगा।

राशियों पर प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार यह ग्रहण विशेषकर सिंह और कन्या राशि के जातकों के लिए बेहद लाभकारी रहेगा। इन्हें नौकरी, व्यवसाय और मान-सम्मान में वृद्धि मिलेगी। वहीं अन्य राशियों को भी धीरे-धीरे सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।