Pradosh Vrat Upay: भगवान शिव का प्रिय आश्विन मास चल रहा है। इस पवित्र माह में शिवभक्त अपने आराध्य शिव जी को खुश करने के लिए विशेष व्रत और पूजा-पाठ करते हैं। इनमें से प्रमुख व्रतों में से एक है प्रदोष व्रत, जिसे भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित किया जाता है। इस दिन विशेष रूप से संध्या काल या प्रदोष काल में शिवलिंग की पूजा करने से महादेव की विशेष कृपा मिलती है। माना जाता है कि इस व्रत से जीवन में सुख-समृद्धि, मान-सम्मान और सफलता प्राप्त होती है।
प्रदोष व्रत साल में दो बार मनाया जाता है। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर विशेष रूप से यह व्रत मनाया जाता है। इस वर्ष पहला प्रदोष व्रत 18 सितंबर की रात 11:24 बजे से शुरू होकर 19 सितंबर की रात 11:36 बजे तक रहेगा। इस दौरान शिवलिंग का विधिपूर्वक अभिषेक कर पूरे परिवार की सुख-शांति की कामना की जाती है।
अगर आप संतान सुख की कामना रखते हैं, तो प्रदोष व्रत के दिन गेहूं और धतूरे से शिवलिंग का अभिषेक करें। ऐसा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति का वास होता है। यह उपाय संतान सुख की प्राप्ति में मददगार माना जाता है।
पापों से मुक्ति पाने के लिए प्रदोष व्रत के दौरान शिवलिंग पर तिल अर्पित करें। तिल से अभिषेक करने का महत्व विशेष माना जाता है। ऐसा करने से जीवन की सभी बुराइयों से मुक्ति मिलती है और खुशहाली आती है।
अगर घर में धन की तंगी बनी हुई है, तो प्रदोष व्रत पर शिवलिंग पर कच्चे चावल चढ़ाएं। इससे महादेव की विशेष कृपा मिलती है और धन लाभ के योग बनते हैं। आर्थिक समस्या धीरे-धीरे खत्म होने लगती है।
कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए प्रदोष व्रत के दिन लाल चंदन से शिवलिंग का अभिषेक करें। इससे व्यक्ति का मान-सम्मान बढ़ता है और रुके हुए काम पूरे होते हैं। साथ ही जीवन में सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।
Published on:
17 Sept 2025 06:56 pm