MP News:एमपी के धार जिले में पर्यटन और तीर्थ स्थल को बढ़ावा देने के लिए शासन द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। अब इसमें एक कदम और आगे बढ़ाते हुए हवाई सफर की सौगात शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए जिले में आठ स्थानों पर स्थाई हेलीपैड बनाने की योजना पर काम चल रहा है। सबकुछ ठीक रहा है, तो जिल के प्रमुख स्थान हेलीपैड जैसी सुविधा से जुड़ जाएंगे। जहां आने वाले समय में आमजन हेलीकॉप्टर उड़ान भरते देखे जा सकते हैं।
सरकार द्वारा वीआईपी कल्चर को फोकस करते हुए दिशा में काम शुरू कर दिया है। पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा जिले के प्रमुख जगह पर स्थाई हेलीपैड बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार के विमानन विभाग को भेजा है, जहां से स्वीकृति मिलने के बाद स्थाई तौर पर हेलीपैड बनाने का काम शुरू किया जाएगा। अभी इसी प्रकार की सुविधा केवल धार जिला मुख्यालय और पीथमपुर में है। धार में पुलिस लाइन में पक्का हेलीपैड बना है।
आजादी के बाद से धार जिला विकास के मामले में पड़ोसी जिलों से पिछड़ा हुआ है। आवागमन के रूप में सडक़ परिवहन और संसाधन कम रहे। हालांकि अब इंदौर-दाहोद रेलवे परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। निकट भविष्य में धार में रेल सेवा भी शुरु हो जाएगी। ऐसे ही वीआईपी सुविधा के दृष्टि से हवाई सफर की सौगात मिल सकती है।
राजनेता, वीआईपी और अन्य बड़े मेहमानों के आने पर हवाई सेवा की सुविधा नहीं है। इंदौर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद टैक्सी या फिर प्राइवेट वाहन से पर्यटक और मेहमानों को मांडू और मोहनखेड़ा पहुंचना पड़ता है। इसी प्रकार चुनाव अथवा किसी राजनेता के दौरा कार्यक्रम के समय अस्थाई हेलीपैड तैयार करना होता है। इसमें बार-बार पैसा खर्च होता है। इसलिए सरकार की मंशा है कि जिले में कुछ चुंनिदा जगह पर स्थाई हेलीपैड तैयार किया जाए।
ऐतिहासिक पर्यटन स्थल मांडू, अमझेरा सहित जैन तीर्थस्थल मोहनखेड़ा में स्थाई हेलीपैड तैयार करने की योजना है। इसके अलावा कुक्षी, गंधवानी, मनावर, धरमपुरी और बदनावर में स्थाई हेलीपैड बनाने की योजना है। जिसका प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी विभाग ने तैयार किया है। बदनावर को छोडक़र अन्य सभी स्थानों पर जगह का चयन हो चुका है। पीडब्ल्यूडी द्वारा दो प्रकार के स्थाई हेलीपैड बनाए जाते हैं। इसमें एक सीमेंट कांक्रीट और दूसरा डामरी-गिट्टी से बनता है। जिले में बनने वाले आठों हेलीपैड डामर से बनाएं जाएंगे।
विभाग द्वारा आठ स्थानों पर स्थाई हेलीपैड बनाने के लिए जगह चयनित कर प्रस्ताव बनाया है। इसे भारत सरकार के विमानन विभाग को भेजा गया है, जहां से स्वीकृति और बजट सेशन होने पर काम शुरू किया जाएगा।- बबीता सोनगर, ईई पीडब्ल्यूडी विभाग धार
मांडू: ऐतिहासिक पर्यटन स्थल के रूप में विख्यात। जहां पूरे साल देशी-विदेशी पर्यटक व सैलानी आते हैं। एक साल में तकरीबन चार लाख से अधिक पर्यटक आते हैं, जिससे स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी चलती है।
मोहनखेड़ा: जैन श्वेतांबर ट्रस्ट की पेढ़ी और प्रमुख जैन तीर्थस्थल। गुरुपूर्णिमा पर भव्य आयोजन। जनसंतों व अनुयायियों की साधना स्थली, जहां पूरे साल देशभर से समाज के लोग पहुंचते हैं।
अमझेरा: अमका-झमका माता मंदिर। द्वापर में इसी जगह से भगवान श्रीकृष्ण रुक्मिणी हरण कर ले गए थे। धार्मिक मान्यता है कि रुक्मिणी हरण के लिए जो रथ इस्तेमाल हुआ था, वह आज भी मंदिर के पास स्थापित है। मुयमंत्री डॉ. मोहन यादव अमझेरा को धार्मिक स्थल घोषित कर चुके हैं।
Updated on:
11 Sept 2025 01:25 pm
Published on:
11 Sept 2025 01:24 pm