
Dhan Kharidi: मोबाइल में ओटीपी नहीं मिलने से ऑनलाइन टोकन कटवाने में किसानों को परेशानी हो रही है। ऐसे में उन्हें धान खरीदी केन्द्रों का चक्कर काटना पड़ रहा है। ( CG News ) इसके अलावा किसानों को कई व्यवहारिक दिक्कतों से भी गुजरना पड़ रहा है। किसानों ने शासन-प्रशासन से व्यवस्था दुरूस्त कराने की मांग की है।
प्रदेश सरकार के निर्देश पर धमतरी जिले में पिछले 15 नवंबर से 74 समिति और 100 केन्द्रों में करीब 1 लाख 22 हजार 800 पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य में 66.32 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में टोकन कटवाने के लिए किसानों को भारी मशक्कत करनी पड़ती थी। शासन ने इसे गंभीरता से लिया और उन्हें सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से किसान टोकन तुंहर हाथ एंड्राइड एप लांच किया।
इस एप के माध्यम से पात्रता रखने वाले पंजीकृत किसान अपने घर में बैठे ही संबंधित केन्द्र में धान बेचने के लिए टोकन कटवा रहे हैं, लेकिन कई किसानों के मोबाइल में ओटीपी नहीं आने से उन्हें परेशानी हो रही है। पत्रिका टीम ने देमार, शंकरदाह, कंडेल धान खरीदी केन्द्रों का जायजा लिया। यहां किसान ऑनलाइन टोकन कटवाने की जानकारी लेने के लिए पहुंचे थे। किसान दयाराम साहू, निकेश साहू, रामचंद्र साहू ने बताया कि ऑनलाइन टोकन कटवाने के लिए संबंधित एप में किसान कोड संख्या और पिन डालकर पहले इसे लॉगिन करना पड़ता है।

इसके बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर सब्मिट करने पर उक्त मोबाइल नंबर में ओटीपी आता है। ओटीपी सब्मिट करते ही टोकन कटने की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। इसी के साथ ही मोबाइल में ही किस दिन और किस दिनांक को धान बेचने के लिए टोकन कटा है, इसकी जानकारी मैसेज के माध्यम किसानों को मिल जाता है, लेकिन ओटीपी के बिना कई किसान टोकन कटवाने की प्रक्रिया को ही पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
किसान नरोत्तम नेताम, फूलचंद साहू, त्रिलोकी देवांगन ने बताया कि किसान टोकन तुंहर हाथ एंड्राइड एप के माध्यम से एक किसान तीन बार ही टोकन ले सकता है। इसमें यदि एक बार टोकन को निरस्त किया जाता है, तो उस किसान के पास टोकन कटवाने के लिए सिर्फ दो मौका बचता है। ऐसे में छोटी सी चूक होने पर किसान टोकन कटवाने से वंचित हो रहे हैं। ऐसे में उनकी परेशानी बढ़ गई है।
जिले के सभी खरीदी केन्द्रों में धान की बंपर आवक हो रही है। अब तक की स्थिति में 7 हजार 265 किसानों से 3 लाख 34 हजार 646 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। सबसे ज्यादा जुगदेही उपार्जन केन्द्र में 225 किसानों से 10 हजार 735 क्विंटल तथा सबसे कम घुरावड़ उपार्जन केन्द्र में 22 किसानों से सिर्फ 722 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। लिंकिंग के माध्यम से किसानों से 17.58 करोड़ की वसूली हुई है।
जिला नोडल अधिकारी बलरामपुरी गोस्वामी ने बताया कि किसान टोकन तुंहर हाथ एप के माध्यम से आसानी से घर बैठे ही धान बेचने के लिए टोकन काट रहे हैं। सर्वर स्लो होने से ओटीपी में दिक्कत हो रही होगी।
Updated on:
24 Nov 2025 06:02 pm
Published on:
24 Nov 2025 06:01 pm

