
भूपेंद्र पटवा. दशकों बाद गंगरेल में पर्यटन विकास का शुभारंभ हो रहा है। ( CG Tourism) गंगरेल बांध द्वीपों का समूह है। यहां 7 आईलैंड (द्वीप) हैं। ठेमली आईलैंड से पर्यटन विकास की शुरूवात हो रही है। वन विभाग द्वारा भेजे गए पहले चरण के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। शासन से 1 करोड़ रूपए की राशि भी मिल गई है। ठेमली आईलैंड को ईको टूरिज्म के रूप में विकसित करना है। इस पूरे प्रोजेक्ट में लगभग 6 करोड़ रूपए खर्च होंगे। अलग-अलग चरणों में इसका काम होगा। ठेमली आईलैंड लगभग 15 एकड़ में फैला है।
ठेमली आईलैंड चारों ओर से पहाड़ों से घिरा है। आईलैंड के सभी दिशाओं में पानी है। पहले चरण में यहां आने-जाने के लिए रास्ता बनाया जाएगा, ताकि मजदूरों को आने-जाने में दिक्कत न हो। पाथ-वे निर्माण होगा, लेकिन पेड़ों की कटाई नहीं की जाएगी। इसके लिए दो एरिया का चिन्हांकन हुआ है। आईलैंड से बेस्ट व्यू के लिए वॉच टॉवर का निर्माण होगा। इसकी हाइट 25 मीटर होगी। पर्यटकों को खाद्य सामाग्रियों की सुविधा देने कैफे का निर्माण भी होगा। कैफे के बाद ईको फ्रेंडली कॉटेज निर्माण कराया जाएगा।
गंगरेल बांध छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। चारों दिशाओं में पर्वत और पानी ही पानी है। बांध में छोटे बड़े 7 टापू हैं। ठेमली सबसे बड़ा टापू है। इसके बाद गुंडरा, ठेमसरा, नंगारा, नकटीदेव, रामटेकरी, सटियारा टापू में गांधी मंदिर भी स्थित है। गंगरेल बांध हरियाली से परिपूर्ण है। शांत वातावरण पर्यटकों को लुभाता है। हरियाली के अलावा कई विदेशी पक्षी भी यहां पहुंचते हैं। रंग-बिरंगे तितलियों को देखने को मौका मिले गा। आईलैंड विकसित होने के बाद पर्यटकों को कई रोमांचकारी अनुभव के साथ अविस्मरणीय यादें जुड़ेंगे।
गंगरेल बांध अंगारमोती मंदिर से 200 मीटर पहले बोटिंग पाइंट है। यहां से ठेमली आईलैंड की दूरी सिर्फ 4 किमी है। आईलैंड जाने के लिए एक मार्ग बनाया जाएगा। इसके ठीक पीछे एक दूसरा मार्ग बनेगा, जिसकी दूरी मात्र 1 किमी है। सभी निर्माण कार्य पर्यावरण वानिकी मद से होंगे। छत्तीसगढ़ सरकार गंगरेल बांध के सभी आईलैंड को धीरे-धीरे विकसित करें तो यह मध्य भारत का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल बन सकता है।
डीएफओ, श्रीकृष्ण जाधव ने बताया कि पर्यावरण वानिकी मद से ठेमली आईलैंड को विकसित किया जा रहा है। पहले चरण में भेजे गए डीपीआर को मंजूरी मिल गई है। 1 करोड़ रूपए की राशि भी आ गई है। टेंडर की प्रक्रिया जारी है। अगले 10 दिन के भीतर काम भी शुरू हो जाएगा। आईलैंड जाने के लिए दो रास्ते बना रहे हैं। पहले चरण में वॉच टॉवर, कैफे, आवागमन रास्ता सहित 5 काम होंगे। इसके तुरंत बाद दूसरे चरण का शुरू होगा।
Updated on:
09 Nov 2025 01:56 pm
Published on:
09 Nov 2025 01:55 pm

