
गुरुवार को पुलिस अधीक्षक देवरिया संजीव सुमन ने रिक्रूट्स पुलिसकर्मियों को उत्तर प्रदेश पुलिस सोशल मीडिया पॉलिसी की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने डिजिटल युग में सोशल मीडिया की भूमिका और पुलिसकर्मियों द्वारा इसके जिम्मेदार उपयोग पर जोर दिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सोशल मीडिया आज जनता से संवाद का एक प्रभावी माध्यम बन गया है। इसका सही और संयमित उपयोग पुलिस की छवि सुधारने, अपराध नियंत्रण में सहायता करने और जनविश्वास को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि विभाग की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया पर साझा की जाने वाली प्रत्येक जानकारी सोच-समझकर पोस्ट की जानी चाहिए। पुलिसकर्मियों को Facebook, X (Twitter), Instagram, YouTube जैसे प्लेटफॉर्म पर अपने व्यक्तिगत और सरकारी आईडी का प्रयोग करते समय विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए।
पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की गोपनीय सूचना, संवेदनशील दस्तावेज या विभागीय गतिविधियों से संबंधित जानकारी बिना उचित अनुमति के साझा नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब पुलिसकर्मी वर्दी में हों या पुलिस की पहचान प्रदर्शित कर रहे हों, तब सोशल मीडिया पर उनकी हर गतिविधि विभाग की प्रतिष्ठा से जुड़ जाती है। इसलिए वर्दी में रहते हुए विवादास्पद वीडियो, फोटो या बयान साझा करने से बचना चाहिए।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस की सोशल मीडिया नीति का उद्देश्य पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और जनता के साथ समन्वय को मजबूत करना है। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना भी है कि कोई भी पुलिसकर्मी सोशल मीडिया का दुरुपयोग या दुष्प्रचार का माध्यम न बनाए।उन्होंने पुलिस बल से सोशल मीडिया के माध्यम से सकारात्मक संदेश प्रसारित करने, अफवाहों का खंडन करने और जन-जागरूकता अभियान चलाने में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने पुलिसकर्मियों से सोशल मीडिया का उपयोग जिम्मेदारी, संयम और मर्यादा के साथ करने का आग्रह किया।
Published on:
07 Nov 2025 12:05 am

