Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

पीतांबरा पीठ गेट हादसा: एक्शन में आए कलेक्टर, बिना अनुमति चल रहा था काम, इन पर होगी कार्रवाई

Collector Action: पीतांबरा पीठ मंदिर के मुख्य द्वार निर्माण में बड़ा हादसा टल गया। निर्माणाधीन बुर्ज ढहने से हड़कंप मच गया। बिना अनुमति चल रहे काम पर कलेक्टर ने FIR के निर्देश दिए।

दतिया

Akash Dewani

Nov 21, 2025

Pitambara Peeth gate collapse datia illegal construction collector action mp news
collector action in Pitambara Peeth gate collapse (फोटो- सोशल मीडिया)

Pitambara Peeth gate collapse: दतिया के पीतांबरा पीठ मंदिर के मुख्य द्वार के निर्माण कार्य के दौरान बुधवार रात बड़ा हादसा टल गया, जब निर्माणाधीन पिलर के ऊपर रखे बुर्ज अचानक धराशायी हो गए। सौभाग्य से उस समय मजदूर और कारीगर घर जा चुके थे, अन्यथा गंभीर जानलेवा हादसा हो सकता था। (MP News)

कलेक्टर ने जिम्मेदारों पर कार्रवाई के निर्देश

मामला सामने आते ही प्रशासन हरकत में आया और कलेक्टर स्वप्निल वानखेडे के निर्देश पर एसडीएम संतोष तिवारी ने निर्माण कार्य से जुड़े जिम्मेदार पक्षों को नोटिस जारी किया। नोटिस में निर्माण एजेंसी से 10 बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके साथ ही कलेक्टर ने साइट से जुड़े आर्किटेक्ट और इंजीनियर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी दिए हैं। कलेक्टर व एसडीएम गुरुवार सुबह करीब 11 बजे पीतांबरा मंदिर परिसर पहुंचे, जहां उन्होंने टूटे हुए बुर्ज का निरीक्षण किया और कार्य में लापरवाही को गंभीर माना।

बिना अप्रूवल और स्वीकृति के बिना चल रहा था निर्माण

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने पूछा कि क्या इस निर्माण कार्य की नगर पालिका से अनुमति ली गई थी? ट्रस्ट प्रबंधन की ओर से प्रबंधक महेश दुबे एवं ट्रस्टी डीएस चंदेल ने जब बताया गया कि प्लान अप्रूव नहीं कराया गया है, तो कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए कहा यह कोई निजी घर का निर्माण नहीं है, यह सार्वजनिक परियोजना है।

बिना अनुमति काम कैसे शुरु कर दिया गया? चिंताजनक ये है कि निर्माण कार्य को लेकर जिम्मेदार भी तब जागे जब हादसा घटित हो गया। मतलब साफ है निर्माण कार्य को जांचने के लिए अफसरों के पास समय नहीं या फिर जानबूझक आंख मूंद लेते हैं और हादसों के बाद उनकी नींद खाल जाती है।

चार सदस्यीय स्वतंत्र जांच दल गठित

कलेक्टर वानखड़े ने पीतांबरा मंदिर परिसर में हुई घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए व्यापक तकनीकी, गुणवत्ता मानकों, संरचनात्मक सुरक्षा तथा संबंधित कार्यदायी संस्थाओं पर गंभीर संदेह जताते हुए चार सदस्यीय स्वतंत्र जांच दल गठित किया है। जांच दल में एसडीएम संतोष तिवारी, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग दतिया आदित्य सोनी, सीएमओ नगर पालिका नागेंद्र सिंह गुर्जर एवं फायर सुरक्षा अधिकारी धर्मेंद्र धाकड़ को शामिल किया गया है।

कलेक्टर ने पूछा साइट पर क्यों नहीं था इंजीनियर

कलेक्टर ने यह भी सवाल उठाया कि निर्माण स्थल पर उस समय साइट इंजीनियर मौजूद क्यों नहीं था, टेंडर किस कंपनी के नाम जारी किया गया था, और निर्माण की निगरानी व्यवस्था कैसी है। कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि जो भी एजेंसी कार्य कर रही है, उसे सभी क्लीयरेंस लेना अनिवार्य है।

ट्रस्ट प्रबंधन के अनुसार, यह कार्य रुपम कंस्ट्रक्शन कंपनी, उदयपुर (राजस्थान) को दिया गया है, जो इसे ठेकेदार भगवती लाल लोधा के माध्यम से करा रही है। निर्माण कार्य अप्रैल 2025 में शुरु हुआ था और मार्च 2026 तक पूरा होना है, लेकिन अभी तक केवल 40 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है। प्रशासन की सख़्ती के बाद अब इस पूरे प्रकरण की जांच तेज़ हो गई है। नोटिस में मांगे गए दस्तावेज़ न देने की स्थिति में कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। (MP News)

कलेक्टर ने दिखाई सख्ती

सार्वजनिक निर्माण कार्य में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिम्मेदारों पर एफआईआर के निर्देश दे दिए हैं। आगे चलने वाले निर्माण कार्य की सतत निगरानी के लिए कहा गया है।- स्वप्निल वानखड़े, कलेक्टर दतिया

फैक्ट फाइल

  • पीतांबरा मंदिर गेट निर्माण
  • प्रोजेक्ट लागत: 10 करोड़ रुपए
  • परियोजना की अवधि अप्रैल 2025 से मार्च 2026
  • काम की प्रगतिः लगभग 40 प्रतिशत
  • निर्माण एजेंसी: रूपम कंस्ट्रक्शन कंपनी, उदयपुर
  • ठेकेदार : भगवती लाल लोधा
  • ध्वस्त हुई संरचना : मुख्य द्वार के पिलर पर बनाए जा रहे बुर्ज
  • घटना का समयः बुधवार रात करीब 8 बजे
  • सौभाग्य : घटना के समय साइट पर मजदूर व कारीगर मौजूद नहीं थे
  • कार्रवाई: 10 बिंदुओं का नोटिस, इंजीनियर-आर्किटेक्ट पर एफआईआर के निर्देश