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वर्ल्डकप की टीम में भी शेफाली नहीं हुई थीं सेलेक्ट, लेकिन फाइनल में मिला प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड

Player of The World Cup 2025 Final: वूमेंस वर्ल्डकप 2025 के खिताबी मुकाबले में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 52 रन से हरा दिया। इस मैच में शेफाली वर्मा ने 87 रन की पारी खेली।

Shefali Verma
शेफाली वर्मा (फोटो- IANS)

Shefali Verma Story: वूमेंस वर्ल्डकप 2025 के खिताबी मुकाबले में 87 रन की पारी खेल टीम इंडिया को खिताब जीतने वाली शेफाली वर्मा की कहानी प्रेरणादायक है। 2 नवंबर को भारत के लिए संकटमोचन बनी शेफाली को वर्ल्डकप की शुरुआती टीम में जगह भी नहीं मिली थी। उन्हें खराब फॉर्म की वजह से बाहर रखा गया था। लेकिन लीग स्टेज खत्म होने के बाद अचानक उन्हें बुलावा मिला और सेमीफाइनल में वह टीम इंडिया के साथ जुड़ गईं। अंतिम 4 में तो कमाल नहीं कर पाईं लेकिन खिताबी मुकाबले में धमाल मचा दिया। उन्होंने 78 गेंदों में 7 चौके और 2 छक्कों की मदद से 87 रन की पारी खेली।

इस पारी ने शेफाली के 5 साल पहले की जख्म पर मरहम लगाने का काम किया। कहानी पांच साल पहले की है। शेफाली सिर्फ 16 साल की थीं। तब टी20 वर्ल्ड कप में उन्हें जगह मिली और पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रर्दशन किया। वह भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी भी थीं। लेकिन फाइनल मैच की शरूआत में ही उनसे एलिसा हीली का कैच छूट गया, जिसने पूरे टूर्नामेंट में शेफाली से दोगुना रन बनाया था। हीली ने उस मुकाबले में 39 गेंदों में 75 रनों की तूफानी पारी खेली थी। रन चेज के दौरान शेफाली सिर्फ 2 रन बनाकर आउट हो गईं। कहीं न कहीं उनपर कैच छोड़ने का दबाव था। उस मैच में भारत को करारी हार झेलनी पड़ी। उस दिन सिर्फ शेफाली नहीं, भारत का हर क्रिकेट फैन रोया!

5 साल के इंतजार का मिला फल

5 साल बाद शेफाली को अचानक ऑस्ट्रेलिया से बदला लेने का मौका मिला। लीग स्टेज के आखिरी मुकाबले में प्रतिका रावल के चोटिल होने की वजह से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबले से पहले शेफाली को भारतीय टीम में शामिल कर लिया गया। वह सेमीफाइनल में कुछ खास नहीं कर पाईं लेकिन फाइनल में इतिहास रचने वाली पारी खेली। नवी मुंबई में उन्होंने सिर्फ मैच नहीं, बल्कि अपने अतीत की हार पर जीत हासिल की। अपने टूटे हुए सपने को पूरा होते देखा। अब भी उन आंखों में आंसू जरूर थे, लेकिन इस बार गम के नहीं बल्कि जीत की खुशी के थे। यह उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा था।

टीम से बाहर होने के बावजूद मिला मौका

शेफाली शुरुआत में वनडे विश्व कप की टीम इंडिया का हिस्सा नहीं थीं। लेकिन नियति ने मानो पहले से उनके लिए रास्ता तय कर रखा था। प्रतीका रावल के चोटिल होने की वजह से उनकी जगह शेफाली की टीम में एंट्री हुई। विडंबना देखिए, प्रतिका वही खिलाड़ी थीं, जिसने एक साल पहले शेफाली की जगह ली थी। मौका वही था, पर हालात बदल चुके थे। इसे किस्मत कहिए या ईश्वर की योजना! जो आगे हुआ, उससे शेफाली का जीवन पूरी तरह बदल गया।

शेफाली वर्मा ने 2 नवंबर को विश्व कप के फाइनल में 78 गेंदों में 87 रन की पारी खेली, जिसमें सात चौके और दो छक्के लगाए। इसके बाद बॉलिंग से दक्षिण अफ्रीका की दो दिग्गजों को आउट किया। शेफाली को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। शेफाली नवंबर 2024 के बाद से भारत की वनडे टीम का हिस्सा नहीं थीं। उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि आईसीसी वूमेंस वर्ल्डकप 2025 का फाइनल भारत जीतेगा और वह सबसे बड़ी स्टार होंगी।