
क्रिकेट के इतिहास में एक मैच ऐसा भी है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। अगस्त 1938 में लंदन के केनिंग्टन ओवल मैदान पर खेला गया एशेज सीरीज का पांचवां और अंतिम टेस्ट मैच, जहां इंग्लैंड ने एक पारी में 903 रन ठोंककर टेस्ट क्रिकेट का सबसे बड़ा स्कोर बनाया। 85 साल बाद भी यह रिकॉर्ड बरकरार है और कोई टीम एक पारी में 903 से ज्यादा रन नहीं बना पाई है।
1938 की एशेज सीरीज 1-1 से बराबर चल रही थी। ओवल टेस्ट ड्रॉ भी होता तो एशेज ऑस्ट्रेलिया के पास ही रहती (वे 1936-37 में इसे जीतकर आए थे)। इंग्लैंड के कप्तान वैली हैमंड ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी चुनी। किसी को नहीं पता था कि अगले चार दिन क्रिकेट इतिहास के सबसे अविस्मरणीय दिन बनने वाले थे।
इंग्लैंड कीशुरुआत खराब रही। महज 29 रन पर बिल एडरिच (14) आउट हो गए। लेकिन इसके बाद जो हुआ, वह टेस्ट क्रिकेट में कभी नहीं हुआ। यहां से लियोनार्ड हटन ने मौरिस लेलैंड के साथ दूसरे विकेट के लिए 382 रन की साझेदारी करते हुए टीम को मजबूत स्थिति में ला दिया। लेलैंड 17 चौकों के साथ 187 रन बनाकर आउट हुए, जिसके बाद हटन ने कप्तान वैली हामंड के साथ तीसरे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी करते हुए टीम को 500 के पार पहुंचाया। हैमंड ने 59 रन की पारी खेली।
22 साल के यॉर्कशायर के ओपनर लियोनार्ड हटन ने 847 गेंदों का सामना करते हुए 364 रन बनाए, जो उस समय टेस्ट क्रिकेट का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर था। बाद में इसे 1958 में गैरी सोबर्स ने तोड़ा। वे 13 घंटे 17 मिनट तक क्रीज पर रह। यह आज तक किसी इंग्लिश बल्लेबाज का सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर है। जबकि हार्डस्टाफ ने 169 रन की नाबाद पारी खेली। विपक्षी टीम की ओर से बिल ओ'रेली ने सर्वाधिक 3 विकेट निकाले।
इसके जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम पहली पारी में सिर्फ 201 रन ही बना सकी। इस पारी में बिल ब्राउन ने 69 रन बनाए। विपक्षी टीम की ओर से बिल बोवेस ने 5 विकेट निकाले। इंग्लैंड के पास पहली पारी के आधार पर 702 रन की बढ़त थी। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई टीम फॉलोऑन खेलने को मजबूत हुई और दूसरी पारी में महज 123 रन ही बना सकी। इंग्लैंड की ओर से इस पारी में केन फार्नेस ने 4 विकेट हासिल किए, जबकि बिल बोवेस और हेडली वेरिटी ने 2-2 सफलताएं प्राप्त कीं। इंग्लैंड ने मुकाबला पारी और 579 रन से अपने नाम किया।
Published on:
17 Nov 2025 05:34 pm

