
चूरू/सादुलपुर। किसानों के बीमा क्लेम के अटके 500 करोड़ रुपए सहित अन्य मांगों को लेकर सोमवार को सांसद राहुल कस्वां की अगुवाई में किसान एकता ट्रैक्टर मार्च सादुलपुर से जयपुर के लिए रवाना हुआ। पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां और पूर्व विधायक कमला कस्वां की मौजूदगी में एमपी निवास से शुरू हुआ यह कारवां शहर से निकलकर चूरू मुख्यालय की ओर बढ़ रहा था, लेकिन रतनपुरा के निकट पुलिस ने वाहनों से अवरोध लगाकर मार्च को रोक दिया।
मार्च रोके जाने पर किसान और कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज हो गए। कई लोग पुलिस वाहनों पर चढ़कर विरोध जताने लगे। दूसरी ओर सांसद, विधायक, कांग्रेस नेता, किसान और कार्यकर्ता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। सुबह से राष्ट्रीय राजमार्ग पर आरएसी, स्पेशल टास्क फोर्स और पुलिस के जवान तैनात थे। चूरू के पास दो होटलों में खड़े ट्रैक्टरों को भी पुलिस ने रोका और करीब 16 लोगों को शांति भंग करने के आरोप में दूधवाखारा ले जाया गया।

मार्च की शुरुआत में सांसद राहुल कस्वां स्वयं ट्रैक्टर चलाते हुए आगे बढ़े। उनके साथ विधायक नरेंद्र बुडानिया और पूर्व विधायक कृष्णा भी ट्रैक्टर पर बैठे थे। मार्च जैसे ही डोकवा से आगे रतनपुरा पहुंचा, पुलिस ने वज्र वाहन खड़ा कर रास्ता बंद कर दिया। कार्यकर्ताओं ने विरोधस्वरूप पुलिस वाहनों पर चढ़कर नाराजगी जताई, लेकिन मार्च आगे नहीं बढ़ पाया और सभी वहीं पड़ाव डालकर बैठ गए।
सुबह से ही राष्ट्रीय राजमार्ग पुलिस और प्रशासन की कड़ी निगरानी में रहा। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सादुलपुर, चूरू, सिद्धमुख और हमीरवास थानों के जवानों के साथ आरएसी और एसटीएफ के दल तैनात थे। कई स्थानों पर मार्च में शामिल होने आ रहे कार्यकर्ताओं से मामूली कहासुनी भी हुई। चूरू के पास पुलिस ने खड़े ट्रैक्टरों को रोका और 16 लोगों को हिरासत में ले लिया।
मार्च रुकने के बाद सांसद राहुल कस्वां ने कहा कि प्रशासन यात्रा को रोक रहा है, जबकि यात्रा से पहले मांगों की जानकारी पहले ही दे दी गई थी। उन्होंने हिरासत में लिए लोगों को छोड़ने और सरकार से तत्काल वार्ता कराने की मांग की। उनके साथ विधायक नरेंद्र बुडानिया, नोहर विधायक अमित चाचाण, सुजानगढ़ विधायक मनोज मेघवाल, कांग्रेस उपाध्यक्ष रफीक मंडेलिया, जिलाध्यक्ष इंद्राज खीचड़, विधायक पूसाराम गोदारा, पूर्व विधायक कमला कस्वां सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और किसान धरने पर बैठ गए।

सांसद कस्वां ने कहा कि डबल इंजन की सरकार घबरा गई है। किसान अपने हक के लिए सड़क पर उतर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को हर वक्त लाइनों में खड़ा किया है और प्रदेश का अन्नदाता संकट में है, लेकिन सरकार की आंखें नहीं खुल रही हैं। किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन किसान अपने अधिकारों के लिए लड़ना जानता है।

पड़ाव स्थल पर कलक्टर अभिषेक सुराणा और एसपी जय यादव पहुंचे। सांसद, विधायकों और समिति सदस्यों के साथ वार्ता हुई। प्रतिनिधियों ने कहा कि किसानों की आवाज दबाने का प्रयास अस्वीकार्य है। समिति ने सरकार से सीधे संवाद पर जोर दिया। कलक्टर ने जयपुर से बात की, जहां से सरकार ने वार्ता के लिए बुलाया। इसके बाद सांसद की अगुवाई में बनी 21 सदस्यीय समिति ने जयपुर के लिए रवानगी की।

जयपुर रवाना होने से पहले सांसद कस्वां ने बताया कि सरकार को पहले ही खरीफ 2021 के 500 करोड़ बकाया बीमा क्लेम जारी करने, खरीफ 2022 के 109 पटवार मंडलों में 413 फसल कटाई प्रयोगों पर बीमा कंपनी की आपत्ति का निस्तारण कर क्लेम जारी करने, खरीफ 2023 व 2024-25 के बीमा क्लेम दिलवाने, एमएसपी खरीद नियमों में सुधार करने, मूंग-मूंगफली पंजीयन पोर्टल फिर से खोलने, यूरिया-डीएपी की उपलब्धता बढ़ाने, नहर समस्या समाधान, चूरू एलिवेटेड रोड और झींगा मछली पालन के लिए बिजली दर कम करने सहित कई मुद्दों पर पत्र भेजा जा चुका है। अब सरकार ने वार्ता के लिए बुलाया है, इसलिए समिति जयपुर में उच्चस्तरीय बातचीत करेगी।
Updated on:
17 Nov 2025 07:24 pm
Published on:
17 Nov 2025 12:48 pm

