2 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Chittorgarh: टैक्स रिफंड के नाम पर बड़ा साइबर फ्रॉड, फिशिंग लिंक से बैंक खाते खाली, अलर्ट जारी

राजस्थान में साइबर अपराधी इन दिनों आयकर रिफंड का झांसा देकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। यह धोखाधड़ी मुख्य रूप से एसएमएस और ईमेल के माध्यम से की जा रही है।

2 min read
Google source verification

प्रतीकात्मक तस्वीर, मेटा एआइ

चित्तौड़गढ़। राजस्थान में साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से पुलिस मुख्यालय ने आमजन के लिए महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस साइबर क्राइम विजय कुमार सिंह की ओर से जारी एडवाइजरी में बताया गया है कि साइबर अपराधी इन दिनों आयकर रिफंड का झांसा देकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। यह धोखाधड़ी मुख्य रूप से एसएमएस और ईमेल के माध्यम से की जा रही है।

फर्जी अधिकारी बनकर रिफंड का झांसा

साइबर ठग खुद को आयकर विभाग का अधिकारी बताते हैं और पीड़ित को संदेश भेजते हैं कि वे एक बड़ी रिफंड राशि के हकदार हैं। इस रिफंड को खाते में जमा करने के बहाने अत्यंत संवेदनशील वित्तीय जानकारी जैसे बैंक खाते का विवरण, क्रेडिट-डेबिट कार्ड नंबर, सीवीवी और ओटीपी की मांग करते हैं। इसके अलावा वे एक फिशिंग लिंक भी भेजते हैं। जिस पर क्लिक करके यह जानकारी भरने को कहा जाता है। आयकर विभाग आमतौर पर रिफंड के लिए यह विवरण सीधे नहीं मांगता। क्योंकि यह जानकारी पहले ही आयकर रिटर्न में दर्ज होती है।

फोन पर भी नहीं दें जानकारी

आयकर रिफंड के बहाने ठग अब लोगों को फोन पर भी रिफंड लेने की सूचना देकर ठगी कर रहे हैं। पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर फोन पर किसी भी तरह की गोपनीय सूचना साझा नहीं करने की सलाह दी है। आयकर विभाग की ओर से भी फोन पर जानकारी नहीं मांगी जाती है। ऐसे में लोगों को साइबर ठगों से सतर्क रहने की जरूरत है।

इन पांच बातों का रखें ध्यान

● आयकर विभाग कभी भी एसएमएस या ईमेल के जरिए आपसे ओटीपी, पासवर्ड या सीवीवी नहीं मांगता है।

● किसी भी अपरिचित संदेश या ईमेल में दिए गए टैक्स रिफंड से संबंधित लिंक पर कभी क्लिक नहीं करें।

● अपने रिफंड की स्थिति जानने के लिए हमेशा आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर ही लॉग इन करें।

● अगर कोई आपको तुरंत कार्रवाई करने के लिए उकसाता है या डर पैदा करने की कोशिश करता है तो यह खतरे की घंटी है। तुरंत प्रतिक्रिया देने से बचें और ऐसे नंबरों को संचार साथी के चक्षु पोर्टल पर रिपोर्ट करें।

● अपनी निजी जानकारी आधार, पैन या बैंक विवरण किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति या संदेश के साथ साझा न करें।

यहां करें तुरंत शिकायत

यदि आप किसी भी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी का शिकार होते हैं या आपको संदिग्ध संदेश मिलते हैं तो वे तुरंत इसकी सूचना दें। शिकायत दर्ज करने के लिए साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर 1930, साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल और हेल्प डेस्क नंबर 9256001930 या 9257510100 पर जानकारी दें।