चित्तौड़गढ़ में साइबर अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है। साइबर ठग भोले-भाले लोगों को उच्च रिटर्न और कम समय में दोगुने लाभ का झांसा देकर उनकी मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर रहे हैं। पुलिस मुख्यालय ने इन जालसाजियों के नए तरीकों और उनसे बचने के उपायों के बारे में प्रदेश के लोगों को सचेत किया है।
उप महानिरीक्षक साइबर क्राइम विकास शर्मा ने बताया कि साइबर ठग लोगों को फंसाने के लिए सोशल मीडिया, व्हाट्सऐप ग्रुप, टेलीग्राम चैनल और नकली वेबसाइटों का उपयोग कर रहे हैं। साइबर ठग इनके जरिए भोले-भाले लोगों से संपर्क कर उच्च रिटर्न का झांसा देते हैं। कम समय में धन दोगुना या बहुत अधिक लाभ का वादा करते हैं। लोगों से नकली वेबसाइट, ऐप, असली कंपनियों जैसी दिखने वाली नकली साइट या ऐप बनाकर निवेश करवाते हैं। आकर्षक लिंक भेजकर लोगों को जोड़ते हैं। किसी प्रसिद्ध व्यक्ति के नाम या चेहरे का गलत उपयोग करके डीपफेक फर्जी वीडियो बनाते हैं। अभी भुगतान न करने पर अवसर छूट जाएगा या खाता ब्लॉक हो जाएगा जैसी धमकियां देते हैं। साइबर ठग पहले छोटा लाभ दिखाकर भरोसा जीतते हैं और फिर अधिक पैसा निवेश करवाकर ठगी को अंजाम देते हैं। लोगों से कॉल और मैसेज के जरिए निरंतर संपर्क बनाए रखते हैं।
पुलिस मुख्यालय ने लोगों को सलाह दी है कि वे किसी भी अनजान लिंक या ऐप पर निवेश करने से बचें। सरकारी या अधिकृत संस्थानों की आधिकारिक वेबसाइट, ऐप से ही जानकारी लें। किसी भी योजना में पैसा लगाने से पहले परिवार या वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह लें। ऐप, वेबसाइट के स्क्रीनशॉट, भुगतान आईडी, कॉल लॉग और संदेश तुरंत सुरक्षित कर लें, जो शिकायत के लिए महत्वपूर्ण सबूत बनेंगे। जल्दी अमीर बनने वाली योजनाएं अक्सर धोखाधड़ी करने के लिए होती हैं। यदि आप इस तरह की घटना का शिकार होते हैं तो इसकी सूचना तुरंत साइबर हेल्प लाइन नंबर 1930, साइबर हेल्प डेस्क नंबर 92560-01930 और 925751-10100 पर दें।
यदि आप किसी निवेश प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि स्क्रीन पर लाभ या बैलेंस तेजी से बढ़ता दिखेगा। लेकिन जब आप उस राशि को निकालने की कोशिश करेंगे तो वह अटक जाएगा। रियल टाइम ग्राफ और ट्रांजेक्शन सूची नकली होगी, जिसमें ट्रांजेक्शन आईडी नकली या दोहराए हुए हो सकते हैं। वेबसाइट पर कोई नियामक लाइसेंस रजिस्ट्रेशन की जानकारी नहीं होगी या संपर्क विवरण अस्पष्ट होंगे।अभी जमा करें बटन के साथ बार-बार प्रायोजित ऑफर और बोनस दिखाए जाएंगे। यदि धोखेबाज ने आपसे किसी भारतीय नंबर से संपर्क किया है तो उस नंबर पर सामान्य कॉल करके जांच करें। यदि कॉल करने पर बताया जाता है कि नंबर नहीं लगे या स्विच ऑफ है तो यह लगभग तय है कि वह नंबर साइबर ठग की ओर से उपयोग में लिया जा रहा है। ऐसे में धनराशि भेजने से बचें और तुरंत साइबर हेल्प लाइन 1930 पर या साइबर थाने में रिपोर्ट करें।
Published on:
02 Oct 2025 12:00 pm