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शिक्षा विभाग: पदोन्नति की प्रक्रिया अटकी तो ठहर गई डीपीसी की रफ्तार, थर्ड ग्रेड शिक्षकों को प्रमोशन का इंतजार

शिक्षा विभाग में पदोन्नतियों की प्रक्रिया तय मापदंड के अनुसार पूरी नहीं होने से पदस्थापन व्यवस्था गड़बड़ा गई है। इस कारण वर्षों से कई पद रिक्त चल रहे हैं और हजारों शिक्षकों की डीपीसी की प्रतीक्षा लंबी होती जा रही है।

पदोन्नतियों की प्रक्रिया तय मापदंड के अनुसार पूरी नहीं,पत्रिका फोटो

Chittorgarh News: चित्तौड़गढ़. शिक्षा विभाग में पदोन्नतियों की प्रक्रिया तय मापदंड के अनुसार पूरी नहीं होने से पदस्थापन व्यवस्था गड़बड़ा गई है। इस कारण वर्षों से कई पद रिक्त चल रहे हैं और हजारों शिक्षकों की डीपीसी की प्रतीक्षा लंबी होती जा रही है। विभागीय नियमों के अनुसारए पदोन्नति की प्रक्रिया शीर्ष पद से शुरू होकर सबसे निचले पद तक जाती है। अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक, उप निदेशक, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक, तृतीय श्रेणी शिक्षक। इस क्रम से ऊपर के पदों पर पदोन्नति होने पर नीचे के पद रिक्त होते हैं, जिससे क्रमवार अवसर बनते रहते हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यह श्रृंखला टूट गई है, जिससे तृतीय श्रेणी से लेकर व्याख्याता तक के शिक्षक पदोन्नति से वंचित हैं।

विषय आधारित पदोन्नति नियम बना बाधा

सरकार ने वर्ष 2021 में प्रावधान किया कि शिक्षक को उसी विषय में पदोन्नति मिलेगी, जिसमें वह स्नातक या परास्नातक है। इससे वे शिक्षक वंचित हो गए, जिन्होंने अन्य विषयों में अतिरिक्त डिग्रियां ली थीं। इन शिक्षकों ने अदालत का रुख किया है और मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जिससे कई स्तरों पर पदोन्नतियां रोक दी गई हैं।

प्राचार्य, उपाचार्य बने पर पोस्टिंग नहीं

वर्तमान में विभाग ने प्रधानाचार्य की डीपीसी पूरी कर ली है, लेकिन रिक्त पद घोषित होने के बावजूद काउंसलिंग पोस्टिंग नहीं हो सकी। कई पदोन्नत उप प्रधानाचार्य अब भी यथास्थान कार्यग्रहण कर रहे हैं। उधर, दो वर्ष की डीपीसी में चयनित उप प्राचार्य को 11 अक्टूबर तक यथास्थान ज्वाइन करवाया गया है। लेकिन इनके रिक्त हुए व्याख्याता पदों पर विषयवार डीपीसी की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो पाई है। विभाग में वर्तमान में करीब 17 हजार व्याख्याता पद रिक्त हैं। जबकि लगभग 11 हजार व्याख्याता उप प्राचार्य बनकर यथास्थान कार्यग्रहण कर चुके हैं। इन रिक्तियों के चलते वरिष्ठ अध्यापक पदों की पात्रता सूची जारी नहीं हो पा रही है। तीन वर्ष से व्याख्याता डीपीसी लंबित है।

शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव और निदेशक डीपीसी को लेकर अलग-अलग समय पर भिन्न-भिन्न बयान दे रहे हैं। इससे भी भ्रम की स्थिति है। पिछले दिनों जयपुर में हुई बैठक के बाद शिक्षा सचिव ने दिसंबर तक सभी लंबित डीपीसी पूरी कर करने की बात कही। विभाग में पिछले पांच साल से तृतीय श्रेणी शिक्षकों की पदोन्नतियां अटकी हुई हैं। क्योंकि वरिष्ठ अध्यापकों की डीपीसी नहीं हो पाई। वरिष्ठ अध्यापक तभी व्याख्याता बन सकते हैं। जब व्याख्याता पदों पर पदोन्नति से स्थान खाली हो। यानी एक स्तर पर ठहराव पूरे ढांचे को प्रभावित कर रहा है।