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जीईआर का लक्ष्य बिना 100 फीसदी प्राथमिक शिक्षा के हासिल नहीं हो सकता : पलनीवेल त्यागराजन

चेन्नई. तमिलनाडु के संचार प्रौद्योगिकी व डिजिटल सेवा मंत्री पीटीआर पलनीवेल त्याराजन ने शनिवार को बल दिया कि केंद्र सरकार अगर उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को पचास प्रतिशत करने का लक्ष्य हासिल करना चाहती है तो उसे प्राथमिक शिक्षा का कवरेज सौ प्रतिशत करना होगा। वे यहां वेलूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी (वीआईटी) […]

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चेन्नई. तमिलनाडु के संचार प्रौद्योगिकी व डिजिटल सेवा मंत्री पीटीआर पलनीवेल त्याराजन ने शनिवार को बल दिया कि केंद्र सरकार अगर उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को पचास प्रतिशत करने का लक्ष्य हासिल करना चाहती है तो उसे प्राथमिक शिक्षा का कवरेज सौ प्रतिशत करना होगा। वे यहां वेलूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी (वीआईटी) चेन्नई के 15वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने तमिलनाडु के जीईआर के राष्ट्रीय लक्ष्य से अधिक होने का हवाला देते हुए कहा कि हमारे यहां खासकर दक्षिण में स्कूल शिक्षा व्यवस्था मजबूत है। अगर केंद्र सरकार जीईआर के 50 फीसदी लक्ष्य को हासिल किया जाना है तो उत्तर, पश्चिम और पूर्वाेत्तर में प्राथमिक शिक्षा का कवरेज सौ फीसदी करना होगा।

शिक्षा का उद्देश्य मानवीय बनाना

त्यागराजन ने कहा, "शिक्षा का उद्देश्य लोगों को मानवीय और सभ्य बनाना होना चाहिए। हमने शिक्षा को अधिक सर्वव्यापी बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन आज शिक्षा को केवल कौशल विकास और रोजगार का साधन बना दिया गया है। एक सदी से भी अधिक समय पहले तमिलनाडु में जस्टिस पार्टी ने लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए अनिवार्य शिक्षा लागू की थी। इसका मूल उद्देश्य सार्वभौमिक शिक्षा था, जिसमें सभी समुदायों, सभी वर्गों, सभी धर्मों के लोगों को, चाहे वे कहीं से भी आते हों, समान अवसर मिले। यही तमिलनाडु को अन्य राज्यों से अलग करता है। अगर तमिलनाडु आज दो अंकों की आर्थिक वृद्धि दर हासिल कर पा रहा है, तो इसका एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि यहां की महिलाओं की बड़ी संख्या औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत है। सार्वभौमिक शिक्षा तक पहुंच उपलब्ध कराने के साथ-साथ, शिक्षा का उद्देश्य यह भी होना चाहिए कि लोग समाज को अधिक संवेदनशीलता और समझ के साथ देखें।"

कोई भी मशीन सामाजिक मूल्यों की जगह नहीं ले सकती

मंत्री ने कहा, "पिछले 40-50 वर्षों में हमने वैश्वीकरण के कारण बड़े बदलाव देखे हैं। तकनीक के क्षेत्र में भी काफी प्रगति हुई है। आजकल बहुत चर्चा है कि एआइ (AI) बड़े बदलाव लाएगा। फिर भी, कोई भी मशीन सामाजिक मूल्यों और अवधारणाओं की जगह नहीं ले सकती। जैसे इंटरनेट ने ज्ञान के लोकतंत्रीकरण में अहम भूमिका निभाई, वैसे ही एआइ कई लोगों के लिए करियर के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।"

पदक और पदवियां वितरित

इससे पहले मंत्री त्यागराजन ने मुख्य अतिथि के रूप में रैंक होल्डर्स तथा पीएचडी स्कॉलर्स को पदक और डिग्री प्रमाणपत्र प्रदान किए। बांग्लादेश के डिप्टी हाई कमिश्नर शेली सालेहिन समारोह के विशिष्ट अतिथि थे। वीआईटी के संस्थापक और कुलाधिपति डॉ. जी. विश्वनाथन ने समारोह की अध्यक्षता की। वाइस-प्रेसिडेंट शंकर विश्वनाथन, डॉ. जी.वी. सेल्वम और कुलपतियों ने भी दीक्षांत समारोह में भाग लिया।


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