Wrong Information In ITR Penalty: अगर आपने अभी तक भी अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है, जो जल्द से जल्द कर लें। 15 सितंबर आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख है। अगर आपने इस डेट तक भी रिटर्न फाइल नहीं किया, तो फिर आपको लेट फीस देनी होगी। इनकम टैक्स रिटर्न भरना हर टैक्सपेयर की एक महत्वपूर्ण वित्तीय जिम्मेदारी होती है, जिसमें उन्हें अपनी वास्तविक आय सही तरीके से घोषित करनी होती है।
कुछ टैक्सपेयर्स अनजाने में अपनी कमाई को कम दिखा देते हैं या गलत रिपोर्ट कर देते हैं, जिससे उन्हें पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है। चाहे यह टैक्सेबल इनकम को लेकर भ्रम की वजह से हो या लापरवाही से, आय को कम या गलत रिपोर्ट करने के कई परिणाम हो सकते हैं। यहां तक कि आपको जेल भी हो सकती है। आइए विस्तार से जानते हैं।
जब कोई व्यक्ति अपनी वास्तविक कमाई से कम आय दिखाता है और टैक्स योग्य हिस्से को छुपा लेता है, तो इसे आय को कम दिखाना (अंडर रिपोर्टिंग) कहा जाता है।
जब कोई व्यक्ति अपनी आय के प्रकार, स्रोत या स्तर को लेकर गलत या भ्रामक जानकारी देता है, तो इसे गलत रिपोर्टिंग (मिसरिपोर्टिंग) कहते हैं। इसमें गलत इनकम डिटेल देना, ऐसे लाभ या भत्ते क्लेम करना जिनके लिए पात्र नहीं हैं या आय के स्रोत को लेकर झूठी जानकारी देना शामिल है।
अपनी इनकम की सही जानकारी देकर आप गंभीर वित्तीय, कानूनी और पतिष्ठा से जुड़े जोखिमों से बच सकते हैं। भारतीय आयकर अधिनियम के तहत आय को कम या गलत रिपोर्ट करने पर कई परिणाम हो सकते हैं। इनमें अतिरिक्त टैक्स और ब्याज, पेनल्टी, नोटिस और यहां तक कि मुकदमा चलना भी शामिल है।
इस प्रावधान में आय को कम या गलत रिपोर्ट करने पर लगने वाले पेनल्टी आती है। यदि असेसिंग ऑफिसर (AO) पाता है कि आपने अपनी वास्तविक आय से कम आय दिखाई है, आय को गलत वर्गीकृत किया है या ऐसे डिडक्शन क्लेम किए हैं जिनके आप पात्र नहीं हैं, तो कम दिखाए गए हिस्से पर देय टैक्स का 50% पेनल्टी के रूप में लगाया जाएगा।
मिस रिपोर्टिंग में जानबूझकर झूठी जानकारी देना, फर्जी इनवॉइस बनाना या तथ्यों को छुपाना शामिल हो होता है। ऐसा होने पर पेनल्टी गलत रिपोर्ट की गई आय पर देय टैक्स का 200% तक हो सकती है।
पेनल्टी के अलावा, टैक्स भरने या भुगतान में देरी पर धारा 234A, 234B और 234C के तहत ब्याज लगाया जाता है। यदि आय को कम दिखाने से टैक्स बकाया या कम जमा होता है, तो उस पर ब्याज लगातार लगता रहेगा।
यदि टैक्स विभाग को थर्ड-पार्टी रिपोर्टिंग, AIS, फॉर्म 26AS, बैंक डाटा या अन्य विवरणों में गड़बड़ी मिलती है, तो वे असेसमेंट शुरू कर सकते हैं, नोटिस भेज सकते हैं या स्पष्टीकरण/दस्तावेज मांग सकते हैं। टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार, कुछ मामलों में गलत जानकारी देने से वास्तविक डिडक्शन और छूट भी रद्द हो सकती है।
टैक्स एक्सपर्ट्स बलवंत जैन ने पत्रिका डॉट कॉम को बताया कि आयकर चोरी के उद्देश्य से आय को कम या गलत रिपोर्ट करना मुकदमा, जुर्माना या यहां तक कि जेल तक का कारण बन सकता है।
Updated on:
13 Sept 2025 02:39 pm
Published on:
13 Sept 2025 12:18 pm