
गेण्डोली. गोठड़ा के विद्यालय परिसर में पीने के पानी की सुविधा नहीं होने के कारण टंकी पर जाकर पानी पीते हुए स्कूली बच्चे।
गेण्डोली. फोलाई पंचायत के गोठड़ा गांव में विद्युत विभाग की लापरवाही से बीते पखवाड़े से पेयजल आपूर्ति ठप पड़ी हुई है। स्थिति यह है कि स्कूल में न तो पोषाहार बन पा रहा है और न ही बच्चों एवं अध्यापकों
के लिए पीने का पानी उपलब्ध हो रहा है। मजबूरन बच्चों को घर से पानी की बोतलें लानी पड़ रही हैं या फिर एक किलोमीटर दूर सार्वजनिक टंकी से पानी भर कर लाना पड़ रहा है।
ग्रामीण नरेश शर्मा, गणेश मीणा, देशराज आदि ने बताया कि गांव में पेयजल आपूर्ति के लिए खाळ के पास नलकूप व पम्प सेट लगा हुआ है, लेकिन करीब पंद्रह दिन से मोटर व विद्युत ट्रांसफार्मर खराब पड़े होने से जलापूर्ति बंद है। इसलिए केवल स्कूल ही नहीं बल्कि गांव की विभिन्न बस्ती में पीने के पानी का संकट गहराया हुआ है। ग्रामीणों ने पंचायत सरपंच एवं विद्युत विभाग को भी समस्या से अवगत भी करा दिया है, बावजूद इसके समाधान नहीं हो पाया है।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक रामचरण मीणा ने बताया कि विद्यालय परिसर का हैंडपंप वर्षों से खराब है। नलकूप से जलापूर्ति होने पर ही बच्चों को पानी और पोषाहार की व्यवस्था होती थी, लेकिन अब एक पखवाड़े से जलापूर्ति नहीं होने के कारण पोषाहार नहीं बन पा रहा है बच्चों को पीने के पानी के लिए घरों या दूरस्थ टंकी पर जाना पड़ रहा है, जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। इसकी सूचना शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों और पंचायत प्रशासन को दे दी गई है।
ट्रांसफार्मर नहीं मिला
पंचायत सरपंच रामस्वरूप खींचा का कहना है कि विद्युत विभाग का बकाया बिल चुका दिया गया है और पम्प सेट भी ठीक करवा दिया गया है। खराब ट्रांसफार्मर को ग्रामीणों ने लाखेरी विद्युत कार्यालय में जमा करा दिया है, लेकिन नया ट्रांसफार्मर अब तक नहीं लगाया गया है।
स्टोर में उपलब्ध नहीं
वहीं विद्युत विभाग के लाइनमैन मनोज पारेता ने बताया कि पांच किलोवाट का ट्रांसफार्मर स्टोर
में उपलब्ध नहीं है। कनिष्ठ अभियंता निखिल श्रीमाली का कहना है कि गोठड़ा गांव में ट्रांसफार्मर
खराब होने की लिखित सूचना उन्हें प्राप्त नहीं हुई है। शिकायत मिलने पर नया ट्रांसफार्मर लगा दिया जाएगा।
सभी हैंडपंप खराब, दो टंकियां नाकारा
ग्रामीणों ने बताया कि गोठड़ा गांव के सभी हैंडपंप लंबे समय से खराब पड़े हैं। जलापूर्ति के लिए तीन टंकियां बनी हुई हैं, लेकिन दो टंकियों में पानी नहीं आने से वे नाकारा पड़ी हैं। गांव के लोग केवल एक ही टंकी से अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं।
Updated on:
19 Sept 2025 12:59 pm
Published on:
19 Sept 2025 12:58 pm
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