लाखेरी . अवैध मांस और शराब की दुकानों के विरोध तथा गोवंश को रोगों से बचाने की मांग को लेकर शुक्रवार को लाखेरी शहर दोपहर तक बंद रहा। बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद सहित विभिन्न संगठनों द्वारा किए गए आह्वान के बाद सुबह से ही शहर के मुख्य बाजार नहीं खुले। बंद समर्थक संगठन के कार्यकर्ता बाजारों में घूमकर स्थिति का जायजा लेते रहे। इसके चलते दोपहर एक बजे तक बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा।
सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए गेंडोली, दहीखेड़ा व बूंदी से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। लाखेरी डीएसपी नरेंद्र नागर एवं एसएचओ सुभाष शर्मा लगातार गश्त करते रहे और हालात पर नजर बनाए रहे।
यह रही प्रमुख मांगें
बंद समर्थकों की मांग थी कि शहर के मुख्य बाजारों से मांस की दुकानों को हटाकर अलग स्थान पर स्थानांतरित किया जाए, ताकि किसी भी धर्म की भावनाएं आहत न हों। साथ ही, देर रात तक अवैध रूप से चल रही शराब बिक्री पर रोक लगाने तथा मंदिरों के आसपास की दुकानों को बंद करने की मांग की गई। इसी के साथ गोवंश की सुरक्षा, गोशाला (कायन हाउस) की व्यवस्था तथा गायों में फैल रहे रोगों की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने की मांग भी सामने आई।
आश्वासन के बाद समाप्त हुआ धरना
एसडीएम कार्यालय के बाहर पुलिस जाप्ते की मौजूदगी में हुई वार्ता में उपखंड अधिकारी अरङ्क्षवद शर्मा ने विभिन्न मांगों पर सहमति जताई। प्रशासन ने मुख्य बाजार से अलग स्थान पर मार्केट बनाए जाने, मंदिरों के नजदीक से शराब की दुकानें हटाने तथा गायों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कदम उठाने का आश्वासन दिया। इसके बाद महामंडलेश्वर सच्चिदानंद के नेतृत्व में संगठनों ने धरना समाप्त करने की घोषणा की।
जुलूस व नारेबाजी के साथ सौंपा ज्ञापन
दोपहर बाद बंद समर्थक जुलूस के रूप में उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुंचे और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उनका कहना था कि अवैध मांस व शराब की दुकानों को लेकर प्रशासन को पिछले दो माह से अवगत कराया जा रहा है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल समझाइश की जा रही है। संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आंदोलन की राह पकड़ी जाएगी। इसके बाद एसडीएम अरङ्क्षवद शर्मा को ज्ञापन सौंपा गया।
Published on:
13 Sept 2025 11:57 am