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जिम्मेदारों की अनदेखी से बढ़ रहे मेगा हाइवे पर हादसे

लबान से लेकर कुश्लता (सवाई माधोपुर)तक कोटा दौसा लालसोट मेगा हाइवे की 2 लाइन सडक़ पर 8 लेन दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे के वाहनों को निकाला जा रहा है

बूंदी

pankaj joshi

Nov 18, 2025

जिम्मेदारों की अनदेखी से बढ़ रहे मेगा हाइवे पर हादसे
बडाखेडा. क्षेत्र के पापडी गांव के पास होकर गुजर रहा मेगा हाइवे

बड़ाखेड़ा. लबान से लेकर कुश्लता (सवाई माधोपुर)तक कोटा दौसा लालसोट मेगा हाइवे की 2 लाइन सड़क पर 8 लेन दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे के वाहनों को निकाला जा रहा है, जिसके चलते मेगा हाइवे अब हादसों का पर्याय बन चुका है। इस सडक मार्ग पर आए दिन हादसे होने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।

एक्सप्रेस वे के वाहनों की रफ्तार इतनी तेज होती है कि वाहनों को नियन्त्रित भी नहीं कर पाते हैं। इस सड़क मार्ग पर तेज रफ्तार और खतरनाक घुमाव यहां हादसों का मुख्य कारण है। सड़क किनारे बसे गांव के लोग हमेशा दहशत में रहते हैं। दुपहिया वाहन चालक भी दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। सड़क पर हो रहे गहरे गड्ढे वाहनों से टोल टैक्स का शुल्क भी पूरा वसूला जा रहा है।

परिवहन विभाग की ओर से यातायात नियमों की अवहेलना करने के लिए क्षेत्र में कोई अधिकारी नहीं आते हैं। ऐसे मे वाहन चालक नियमों की धज्जियां उडाते हुए आए दिन दुर्घटनाएं कर रहे हैं। हादसो के कारण लोगों की जिंदगी की डोर टूट रही है। सड़क दुर्घटना में लगातार हो रही मौतों के लिए सरकारी व्यवस्था तो जिम्मेदार है, ही साथ ही वाहन चालक भी कम दोषी नहीं है।

गांवों में स्पीड ब्रेकर नहीं
ग्रामीण छीतर लाल प्रजापत, मायाराम रायका,रामभगत रेबारी आदि ने बताया की लबान रेलवे स्टेशन,पापडी गांव, नयागांव व जयनगर गांव में स्पीड ब्रेकर नहीं है। लोगों ने बताया कि आबादी के लिहाज से गांव के पास होकर गुजरे रहे मेगा हाइवे सडक पर स्पीड ब्रेकर न होना दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा है।ग्रामीण स्पीड ब्रेकर बनाने की मांग लम्बे समय से कर रहे हैं, लेकिन रिडकोर कम्पनी द्वारा गांवों के पास होकर गुजर रही सडक पर स्पीड ब्रेकर नहीं बनवाया गया है।

गड्ढों से लग रहा जाम
साथी लोगों ने बताया की पापडी रेलवे फाटक के ओवर ब्रिज पर सडक पर गहरे गड्ढे हो चुके हैं और आए दिन घंटो तक लम्बा जाम लग जाता है आसपास के गांवों के ग्रामीणों को घर पहुंचने के लिए घंटों इन्तजार करना पडता है। वाहनों की स्पीड भी कम होती है। लोगों ने बताया है मेगा हाइवे पर सबसे बड़ी समस्या है संकेतक बोर्ड न होना है। इसके चलते इस सड़क से गुजरने वाले वाहन चालकों को पता नहीं चलता है कि इस जगह घुमाव है।

कुछ हादसे जो दिल दहला गए
जयनगर गांव के पास भेडों को घर लेकर आ रहे पशुपालक देशराज रेबारी सडक पर चलते हुए हुआ दुर्घटना का शिकार हो गया। हादसे में तीन बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। लाखेरी में ट्रकों की आमने-सामने भिडंत में दो लोगों की मौत,पापडी गांव में घर में घुसा ट्रेलर,मेज नदी में कूदी कार यह सब घटनाएं लगातार घटती आ रही है, लेकिन जिम्मेदार मौन बैठे है।

खतरनाक घुमाव
स्थानीय लोगों ने बताया की मेगा हाइवे पर कुछ मोड़ इतने खतरनाक है कि जरा सी असावधानी वाहनों को अनियंत्रित कर देती है और वाहन चालकों को हादसे का शिकार होना पड रहा है। आबादी क्षेत्र में भी वाहन चालक वाहनों कि स्पीड कम नहीं करते हैं, जिसके चलते हादसे आए दिन हो रहे है। इतने हादसों के बाद भी मेगा हाइवे पर संकेतक बोर्ड नहीं है।