
नैनवां. उपखण्ड में इस वर्ष हुई बरसात ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस साल अब तक 2049 मिमी (82 इंच) बरसात हो चुकी है, जो अन्य वर्षों की अपेक्षा तीन गुणा है।
उपखण्ड में औसत बरसात 750 मिमी मानी जाती है। जबकि तहसील कार्यालय में संधारण किए जाने वाले प्रतिवर्ष के बरसात के आंकड़ों का विश्लेषण किया तो इस वर्ष की बरसात ने एक सदी का रिकॉर्ड तोड़ दिया। पहले सबसे अधिक बरसात 1600 एमएम वर्ष 2022 में हुई थी। बरसात थमने के साथ ही उपखण्ड के बांधों व अन्य जलाशयों में चादर चलना थम जाती थी कि जबकि इस वर्ष की रिकॉर्ड तोड़ बरसात से दीपावली के बाद तक भी चादरें चल रही है।
नैनवां में 23 अगस्त को 24 घण्टे में ही 502 मिमी हुई बरसात ने देशभर का अलग ही रिकॉर्ड दर्ज करवा दिया था। नैनवां शहर, दुगारी, बांसी कस्बों सहित उपखण्ड के कई गांवों में बाढ़ के हालात हो गए थे। शहर के कनकसागर तालाब की पाल के ऊपर से तो दो माह बाद तक भी ओवरफ्लो चल रहा है।
30 वर्ष ऐसे, जिनमें औसत वर्षा भी नहीं हुई
1977 से 2025 तक कि बरसात के आंकड़े खंगाले तो 1981 से 2010 तक लगातार तीस वर्षों तक कभी औसत वर्षा भी नहीं हो पाई। सबसे कम बरसात 1989 में सबसे कम 196 एमएम बरसात ही हो पाई थी। 1980 में 418, 1984 में 296, 1985 में 373, 1987 में 252, 1988 में 330, 1990 में 384, 2002 में 259, 2003 में 371, 2009 में 323 एमएम बरसात ही हो पाई थी।
इन वर्षो में हुई औसत से ज्यादा वर्षा
नैनवां में औसत वर्षा 750 एमएम मानी जाती है। पचास वर्ष में कुछ वर्ष ऐसे भी थे, जिनमें औसत से ज्यादा वर्षा हुई, जिनमें1978 में 785, 1979 में 932, 2011 में 873, 2013 में 1131, 2016 में 917, 2019 1056, 2021 में 1144, 2023 में 771 वे 2024 में 1443 एमएम बरसात हुई।
इन बांधों पर अब भी चल रही चादर
उपखण्ड के पाईबालापुरा, दुगारी, मोतीपुरा, माछली, बसोली, बटावदी, गोठड़ा, रुनिजा पर अब भी चादर चल रही है।
Published on:
26 Oct 2025 05:38 pm

