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सौ बेड का अस्पताल दो चिकित्सकों के भरोसे

उपजिला चिकित्सालय में नियुक्त चार चिकित्सकों के सीनियर रेजिडेंट शिप करने चले जाने से चिकित्सालय फिर मात्र दो चिकित्सकों के भरोसे ही रह गया।

बूंदी

pankaj joshi

Nov 14, 2025

सौ बेड का अस्पताल दो चिकित्सकों के भरोसे
उपजिला चिकित्सालय

नैनवां. उपजिला चिकित्सालय में नियुक्त चार चिकित्सकों के सीनियर रेजिडेंट शिप करने चले जाने से चिकित्सालय फिर मात्र दो चिकित्सकों के भरोसे ही रह गया। चिकित्सालय में चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए चिकित्सालय निदेशालय ने जुलाई माह में चार विशेषज्ञ चिकित्सक अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेश मालव, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल मीणा, सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. राहुल भंवरिया व अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रीराम कटारिया नियुक्त किए थे। चारों चिकित्सकों का तीन माह बाद ही सीनियर रेजिडेंट शिप में चयन होने से चारों चिकित्सक 24 अक्टूबर को कार्यमुक्त हो गए।

सरकार ने उपजिला चिकित्सालय में वरिष्ठ व कनिष्ठ विशेषज्ञ सहित 28 चिकित्सकों के पद स्वीकृत कर रखे है। जबकि सौ बेड वाले चिकित्सालय में उपचार व्यवस्था दो चिकित्सकों के भरोसे चल रही है। चिकित्सकों की कमी की स्थिति यह बनी हुई है कि चिकित्सा विभाग ने कागजों में तो वर्तमान में 6 चिकित्सक नियुक्त कर रखे है, जिनमे से एक चिकित्सक डॉ. अंजलि मीणा 20 जुलाई 2024 से ही बिना अवकाश स्वीकृति के ही नदारद चल रहे है। चिकित्सालय में नियुक्त दन्त रोग विशेषज्ञ डॉ. कृष्णकुमार प्रजापत को पीएमओ तो वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. एलपी नागर को बीसीएमओ नियुक्त कर दिए जाने से चिकित्सकों की कमी और बढ़ गई। एक चिकित्सक डॉ. समदरलाल मीणा मेडिकल अवकाश पर है। उपजिला चिकित्सालय में उपचार की सुविधा के लिए चिकित्सा विभाग ने सर्जरी, अस्थि रोग (ऑर्थोपेडिक), नाक-कान-गला व शिशुरोग के अलग से ओपीडी कक्ष स्थापित हो रहे है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव सभी ओपीडी कक्षों के ताले पड़े है।

उपजिला चिकित्सालय बिना विशेषज्ञ चिकित्सकों का चिकित्सालय बना हुआ है। ट्रोमा सेंटर में तो कोई चिकित्सक ही नियुक्त नहीं है, जिससे उपजिला चिकित्सालय के साथ ट्रोमा सेंटर में चिकित्सा व्यवस्थाएं बिगड़ रही है। बूंदी जिला मुख्यालय के बाद जिले में सौ बेड वाले सबसे बड़ा चिकित्सालय है। उपजिला चिकित्सालय बन जाने के बाद भी चिकित्सालय में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी ही बनी हुई है। उपजिला चिकित्सालय बना तो उम्मीद जगी थी कि अब उपचार के लिए नैनवां क्षेत्र के लोगों को विशेषज्ञ चिकित्सकों की सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी। लेकिन चिकित्सा सुविधा में विस्तार की उम्मीद सिर्फ सपना ही बनकर रह गई।

विशेषज्ञों के 11 पद स्वीकृत
चिकित्सालय में वरिष्ठ विशेषज्ञ व कनिष्ठ विशेषज्ञ के 11 पद स्वीकृत है। इनमें से दन्त विशेषज्ञ ही नियुक्त है। बाकी सभी दस विशेषज्ञों के पद रिक्त पड़े है। चिकित्सालय में मेडिसन व सर्जरी के वरिष्ठ विशेषज्ञों, नेत्र, ईएनटी, ऑर्थोपेडिक, रेडियोलॉजिस्ट, निश्चेतन, दन्त मेडिसन व सर्जरी सहित 9 कनिष्ठ विशेषज्ञ के पद स्वीकृत है। सभी कनिष्ठ विशेषज्ञों के पद रिक्त पड़े है। जिससे उपजिला चिकित्सालय भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की तरह सामान्य चिकित्साधिकारियों के भरोसे ही चल रहा है।

ट्रोमा सेंटर खाली पड़ा
दो हाइवे एनएच 148डी व स्टेट हाइवे 34 पर दुर्घटनाग्रस्त होने वालों के उपचार के स्थापित नैनवां में स्थित ट्रोमा सेंटर में तो एक भी चिकित्सक नियुक्त नहीं है। ट्रोमा सेंटर पर चिकित्सकों के 6 पद स्वीकृत है, जिनमें कनिष्ठ विशेषज्ञ सर्जरी का एक पद, चिकित्साधिकारी सर्जरी के दो व ऑर्थोपेडिक के तीन पद स्वीकृत है। इनमें से एक भी चिकित्सक नियुक्त नहीं होने से ट्रोमा सेंटर चिकित्सक विहीन बना हुआ। विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं होने से घायलों को उपचार नहीं मिलने से रेफर होना पड़ रहा है।

चिकित्सकों की कमी से चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। चिकित्सालय अभी दो चिकित्सकों के भरोसे ही चल रहा है। रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज रखी है।
डॉ. कृष्णकुमार प्रजापत, प्रमुख चिकित्साधिकारी, उपजिला चिकित्सालय, नैनवां