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मृतक की मुट्ठी में मिले बाल बने सबूत! हाईकोर्ट ने हत्यारे की सजा पर लगाई मुहर, कहा- सजा में नहीं कोई गलती…

CG High Court: बस्तर में कांस्टेबल की हत्या के मामले में पुलिस द्बारा एकत्र किए गए साइंटिफिक साक्ष्य को हाईकोर्ट ने सजा के लिए पर्याप्त माना है।

मृतक की मुट्ठी में मिले बाल बने सबूत! हाईकोर्ट ने हत्यारे की सजा पर लगाई मुहर, कहा- सजा में नहीं कोई गलती...(photo-patrika)
मृतक की मुट्ठी में मिले बाल बने सबूत! हाईकोर्ट ने हत्यारे की सजा पर लगाई मुहर, कहा- सजा में नहीं कोई गलती...(photo-patrika)

CG High Court: बस्तर में कांस्टेबल की हत्या के मामले में पुलिस द्बारा एकत्र किए गए साइंटिफिक साक्ष्य को हाईकोर्ट ने सजा के लिए पर्याप्त माना है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने कहा कि आरोपी के साथ हुए संघर्ष में मृतक की मुठ्ठी में मिले बालों की डीएनए प्रोफाइल और फिगरप्रिंट जैसे साइंटिफिक प्रमाण से आरोपी की पहचान पक्के तौर पर साबित हुई। प्रमाणों से परिस्थितियों की एक पूरी चेन बनती है, जो बिना किसी शक के सज़ा दिलाने में सहायक है।

CG High Court: आजीवन कारावासकी सजा बरकरार

कोर्ट ने आरोपी की अपील खारिज कर आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी। रामनिवास मरकाम बस्तर के बुरकापाल थाने में कांस्टेबल के पद में कार्यरत था। 11 जुलाई 2019 को शाम की हाजिरी के दौरान वह पुलिस लाइन, सुकमा में मौजूद रहा। रोल कॉल के बाद, शाम करीब 7 बजे, अपनी बोलेरो गाड़ी से सुकमा पुलिस स्टेशन से निकला।

आजीवन कारावासकी सजा बरकरार

12 जुलाई 2019 की सुबह करीब 8 बजे, कांस्टेबल हड्डी नरसैया ने रामनिवास के भाई श्रीनिवास को फोन करके बताया कि राम निवास की किसी ने हत्या कर दी है। उसकी लाश सुपनार गांव में धनीराम बारसे के केले के बागान के सामने सड़क किनारे पड़ी है।

श्रीनिवास सुपनार रोड पहुंचा, तो उसने देखा कि रामनिवास की बोलेरो सड़क किनारे थी और राम निवास की लाश पास में पड़ी थी। उसकी गर्दन और सिर पर गहरी चोटें थीं, और लाश खून से लथपथ थी। बोलेरो की पिछली सीट के नीचे भी खून के धब्बे मिले। पुलिस विवेचना के दौरान वाहन के मिरर एवं पानी की बोतल में लगे फिंगरप्रिंट एवं मृतक के हाथ में पाए गए बालों के गुच्छे जब्त कर फारेंसिक जांच के लिए भेजा गया।

ट्रायल कोर्ट का फैसला उचित

सजा के खिलाफ आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील की थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अपील करने वाले सुरेश सरकार ने राम निवास मरकाम को मारा और सबूत मिटाने के लिए बॉडी को सुपनार ले आया। डीएनए रिपोर्ट और अन्य प्रमाणों के आधार पर ट्रायल कोर्ट का फ़ैसला सही और उचित है।

अपील को खारिज करते हुए कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि डीएनए प्रोफाइलिग और फिगरप्रिंट एनालिसिस जैसे साइंटिफिक सबूत, आरोपी की पहचान पक्के तौर पर साबित कर सकते हैं।

रिश्तेदार ने ही दी थी हत्या की सुपारी

पुलिस ने मृतक के ही रिश्तेदार सुरेश सरकार को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि रामनिवास ने उसकी रिश्तेदार युवती से प्रेम विवाह किया था। आरोपी की उसकी पत्नी से भी बातचीत होती थी। इस बात को लेकर दोनों में झगड़ा हुआ और उसने हत्या की योजना बनाई।

कोलकाता के एक व्यक्ति को उसने एक लाख रुपए की सुपारी दी थी। डीएनए टेस्ट में मृतक के हाथ में मिले बाल आरोपी के ही होने की पुष्टि हुई। इसके अलावा वाहन और पानी की बोतल में मिले फिंगरप्रिंट भी आरोपी के ही पाए गए। इस आधार पर कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।