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E संवर्ग के 1378 शिक्षकों का प्राचार्य बनने का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने सरकार के मापदंडों और नियमों को सही ठहराया

Principal Promotion: बिलासपुर हाईकोर्ट ने व्याख्याता के पद पर प्रमोशन के लिए राज्य शासन द्वारा तय कैडर व मापदंडों को सही ठहराया है। इस फैसले के बाद ई संवर्ग के 1378 व्याख्याताओं के प्राचार्य के पद पर पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है।

CG High Court: शिक्षाकर्मियों को पिछली सेवा के आधार पर क्रमोन्नति देने से इनकार, कहा- सरकारी कर्मचारी नहीं हैं शिक्षाकर्मी
हाईकोर्ट (photo-patrika)

CG Principal Promotion News: बिलासपुर हाईकोर्ट ने व्याख्याता के पद पर प्रमोशन के लिए राज्य शासन द्वारा तय कैडर व मापदंडों को सही ठहराया है। इस फैसले के बाद ई संवर्ग के 1378 व्याख्याताओं के प्राचार्य के पद पर पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है।

उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने अप्रैल 2025 में 2813 शिक्षकों को प्राचार्य पद पर प्रमोशन देने की सूची जारी की थी। सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने पदोन्नति के लिए कैडर के आधार पर तय किए कोटे व मापदंडों को सही बताते हुए सभी याचिकाओं को खारिज कर सरकार को प्रक्रिया प्रारंभ करने की अनुमति दी थी। दुर्ग के रिटा. शिक्षक प्रकाश नारायण तिवारी ने याचिका दायर कर 65 प्रतिशत कोटे को चुनौती देते हुए 100 प्रतिशत पद पर ई संवर्ग को पोस्टिंग देने की मांग की थी, जिसे खारिज कर दिया गया।

इसके पहले डिवीजन बेंच ने राज्य शासन द्वारा तय कोटे को सही ठहराते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया था। सिंगल बेंच में सुनवाई के बाद ई संवर्ग के व्याख्याताओं का प्रमोशन का मामला अटका रहा। कोर्ट ने अब शिक्षक की याचिका खारिज कर दी है। इससे प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है।

फैक्ट फाइल

छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग ने अप्रैल 2025 में 2813 शिक्षकों को प्राचार्य पद पर प्रमोशन देने की सूची जारी की थी, सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने पदोन्नति के लिए कैडर के आधार पर तय किए कोटे व मापदंडों को सही बताते हुए सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए सरकार को प्रक्रिया प्रारंभ करने की अनुमति दे दी थी।

दुर्ग के रिटायर्ड शिक्षक प्रकाश नारायण तिवारी ने याचिका दायर कर 65% कोटा को चुनौती दी और 100% ई संवर्ग को पोस्टिंग देने की मांग। इसके पहले डिवीजन बेंच ने राज्य शासन द्वारा तय कोटे को सही ठहराते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया था। सिंगल में सुनवाई के बाद ई संवर्ग के व्याख्याताओं का प्रमोशन का मामला अटका रहा।